Sleep Paralysis: क्या कभी आपको ऐसा महसूस हुआ है कि आप नींद से अचानक जागते हों और अपने शरीर को हिला-डुला नहीं पाते हों? क्या आपने कभी महसूस किया है कि आपके छाती पर कोई भूत बैठा है या भारी वजन वाली चीज रखी हुई है? आप चीखना या चिल्लाना चाहते हों मगर आपकी आवाज नहीं निकल पा रही हो? आप सब कुछ देख तो पाते हैं घबराहट होती है पर कुछ कर नहीं पाते हैं. दरअसल, ये एक बीमारी है जिसे "स्लीप पैरालिसिस" कहते हैं. 


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आमतौर पर स्लीप पैरालिसिस तब होता है जब आप सोने या जागने के दौरान ट्रांजिसन फेज में रहते हैं. इसको और आसान करके कहें तो जब आप कच्ची नींद में होते हैं और आपकी नींद बहुत गहरी नहीं हुई होती है. ऐसी स्थिति में आपका दिमाग जाग चुका होता है, मगर आपका शरीर अभी भी सो रहा होता है. इस दौरान आप अपने आस-पास की आवाजें तो सुन सकते हैं और देख भी सकते हैं, लेकिन हिल नहीं सकते और बोल नहीं सकते. यह स्थिति कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनटों तक रह सकती है और काफी भयावह हो सकती है.


स्लीप पैरालिसिस के लक्षण-


हेल्थलाइन वेबसाइट के अनुसार स्लीप पैरालिसिस के कुछ लक्षण बहुत कॉमन होते हैं, जैसे- सोते समय अचानक जागना और शरीर को हिलाने-डुलाने में असमर्थ होना, सांस लेने में तकलीफ या घुटन महसूस होना, सीने पर दबाव महसूस होना, डरावना सपना देखने के बाद डर जाना, अजीब आवाजें सुनाई देना आदि.


स्लीप पैरालिसिस के कारण-


स्लीप पैरालिसिस आमतौर पर नींद की कमी, मानसिक तनाव, स्लिप साइकिल का खराब होना, मानसिक बीमारी होना या कुछ दवाओं का साइड इफेक्ट होना.


स्लीप पैरालिसिस से बचाव-


स्लीप पैरालिसिस पूरी तरह से रोका जाना थोड़ा मुश्किल है. मगर कुछ सुझावों को अपनाकर इसके खतरे को कम किया जा सकता है.पर्याप्त नींद लें (7-8 घंटे)
- तनाव कम करें.
- नियमित व्यायाम करें.
- सोने और जागने का समय फिक्स रखें.
- बैलेंस डाइट लें
- सोने से पहले रोज योग करें


Disclaimer: प्रिय पाठक, संबंधित लेख पाठक की जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए है. जी मीडिया इस लेख में प्रदत्त जानकारी और सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित समस्या के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.