World Heart Day 2022: 40 दिनों से अधिक समय तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद अभिनेता और हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastav) की मौत ने एक बार फिर दिल की बीमारी के कारण होने वाली ज्यादा मृत्यु दर को उजागर किया है. दुनिया भर में, कार्डियोवैस्कुलर बीमारी (सीवीडी) मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक हैं. 2019 में सीवीडी के कारण लगभग 1.79 करोड़ लोगों की मौत हुई थी, जो दुनिया भर में हुई मौत का 32 प्रतिशत है. सीवीडी से मरने वाले सभी लोगों में से 85 प्रतिशत को स्ट्रोक और दिल का दौरा पड़ा था. इसके अलावा, विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, इनमें से एक चौथाई सीवीडी मौतें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं.


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इन आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए, विशेषज्ञ दिल की बीमारी की रोकथाम के बारे में जागरूकता फैलाते हैं. आइए जानते हैं दिल की बीमारी के जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्वाइंट्स.


शारीरिक गतिविधियां
नेशनल सेंटर फॉर क्रॉनिक डिजीज प्रिवेंशन एंड हेल्थ के अनुसार, शारीरिक गतिविधि की कमी से दिल संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है, भले ही किसी व्यक्ति में कोई अन्य खतरा न हों. दिल से जुड़ी समस्याओं के अलावा, शारीरिक गतिविधि न करने से मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर और टाइप 2 डायबिटीज जैसी कई अन्य बीमारियों की संभावना भी बढ़ सकती है. इसलिए रोजना अपनी शारीरिक गतिविधियां या व्यायाम पर जरूर ध्यान देना चाहिए.


समय पर इलाज जरूरी
यदि इंसान बहुत अधिक प्रोसेस्ड फूड का सेवन करता है तो कोरोनरी आर्टरी को काफी नुकसान हो सकता है. इसके अलावा, यदि कोई महत्वपूर्ण दिल की आर्टरी 30 मिनट से अधिक समय तक बंद रहती है, तो यह दिल की मांसपेशियों को प्रभावित कर सकती है, जिससे गंभीर समस्या पैदा हो सकती है. यह हार्ट अटैक या दिल की संबंधी समस्याओं का संकेत है. यदि कोई भी इससे पीड़ित है, तो उसे तत्काल डॉक्टर को दिखाना चाहिए.


उम्र के साथ ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ता है
80 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में हाई ब्लड प्रेशर होने की 60 प्रतिशत संभावना होती है. इसका मुख्य कारण यह है कि जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं, हमारे शरीर की आर्टरी सख्त होती जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर का लेवल प्रभावित होता है. यह हेल्दी हार्ट वाले लोगों के साथ भी हो सकता है. इसलिए, नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच करवाते रहना चाहिए.


भारत में दिल की बीमारियां बढ़ीं
भारत में दिल की बीमारी होने का अधिक खतरा होता है. यह पिछले कई दशकों में ग्रामीण और शहरों में दिल संबंधी बीमारियों के प्रसार में स्पष्ट रूप से वृद्धि हुई है. गंभीर मामलों की दर ग्रामीण लोगों में 1.6 प्रतिशत से बढ़कर 7.4 प्रतिशत और शहरी आबादी में 1 प्रतिशत से बढ़कर 13.2 प्रतिशत हो गई है. 2021 में मुंबई में ऐसे मामलों में छह गुना वृद्धि देखी गई है.


आजकल ऐसी स्थिति हर साल कैंसर, गंभीर फेफड़ों की बीमारियों और डायबिटीज के रूप में कई लोगों के जीवन का दावा करती है. नीचे बताए गए कुछ सरल आदतें फॉलो करने से आप हार्ट अटैक के खतरे को कम कर सकते हैं.


  • फाइबर, उच्च प्रोटीन और कम फैट वाली डाइट पर ध्यान दें.

  • हेल्दी नाश्ता करें जिससे आपका दिन भर पेट भरा रहे. आपका लंच और डिनर इसकी तुलना में छोटा होना चाहिए.

  • हफ्ते में कम से कम पांच दिन रोजाना 30 मिनट के लिए व्यायाम करें.

  • जब भी संभव हो सीढ़ियों का प्रयोग करें और लिफ्ट से बचें. इसके अलावा, कम दूरी ट्रैवल करने के लिए पैदल चले न कि वाहन का प्रयोग करें.

  • 24 घंटे में कम आठ घंटे पर्याप्त गहरी नींद लें.

  • धूम्रपान और शराब का सेवन छोड़ दें,

  • मेडिटेशन, योग और सांस लेने की रणनीति जैसे स्ट्रेस बस्टर का अभ्यास करें.


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