नई दिल्ली: टीबी का नाम सुनते ही अधिकतर लोग डर जाते हैं. इसमें कोई शक नहीं कि टीबी (TB) एक बेहद संक्रामक (Infectious) बीमारी है लेकिन लाइलाज नहीं है. हालांकि कुछ मामलों में यह गंभीर हो सकती है. हवा में मौजूद बैक्टीरिया से दूषित ड्रॉपलेट को जब कोई स्वस्थ व्यक्ति सांस के जरिए शरीर के अंदर लेता है तो उसे टीबी की बीमारी हो जाती है. टीबी, माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकोलोसिस (Mycobacterium tuberculosis) नाम के बैक्टीरिया की वजह से होती है. 24 मार्च को हर साल वर्ल्ड टीबी डे (World TB Day) मनाया जाता है ताकि लोगों के बीच इस बीमारी को लेकर जागरुकता फैलायी जा सके.


सिर्फ फेफड़े ही नहीं किसी भी अंग में हो सकती है टीबी


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वैसे तो टीबी की बीमारी का सबसे अधिक प्रभाव फेफड़ों (Lungs) पर ही पड़ता है लेकिन फेफड़ों के अलावा ब्रेन, यूट्रस, मुंह, लीवर, किडनी, गले यानी शरीर के किसी भी अंग में टीबी की बीमारी हो सकती है. हालांकि टीबी का सबसे कॉमन रूप फेफड़ों में होने वाली टीबी ही है. WHO के अनुसार, दुनियाभर के टीबी मरीजों में से 24% टीबी के पेशंट्स भारत में ही हैं. साल 2018 में करीब 1 करोड़ लोगों को पूरी दुनिया में टीबी हुआ था जिसमें से 15 लाख लोगों की मौत हो गई थी. यही कारण है समय रहते लक्षणों की पहचान करके बीमारी का पता लगाना जरूरी है ताकि लोगों की जान बचायी जा सके.


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टीबी के लक्षण


अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक जिस मरीज को फेफड़ों में टीबी होती है उसमें ये लक्षण नजर आते हैं:
-3 सप्ताह या इससे अधिक समय तक खांसी रहना (Cough)
-सीने में दर्द महसूस होना
-खांसने पर या खांसने के बाद बलगम में खून आना
-बहुत अधिक थकान और कमजोरी महसूस होना
-अचानक से वजन बहुत अधिक कम हो जाना
-भूख न लगना
-कंपकंपी महसूस होना और बुखार आना
-रात में बहुत अधिक पसीना आना


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शरीर के किसी अन्य हिस्से में अगर टीबी हो जाए तो उसके लक्षण जिस हिस्से में टीबी हुई है उसके आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं. सामान्य लक्षणों की बात करें तो ये संकेत नजर आ सकते हैं:
-लिम्फ नोड्स लसीका पर्व में लगातार सूजन रहना
-पेट में लगातार दर्द बने रहना
-हड्डियों या हड्डियों के जोड़ में दर्द होना
-भ्रम और कन्फ्यूजन की स्थिति बनना
-नियमित रूप से सिर में दर्द का बने रहना
-दौरे पड़ना


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टीबी का इलाज


चूंकि टीबी बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है इसलिए समय पर बीमारी की पहचान करके उचित एंटीबायोटिक्स की खुराक शुरू हो जाए तो टीबी का इलाज हो सकता है. किसके लिए कौन सी एंटीबायोटिक सही है और इलाज कितने समय तक चलेगा, यह इन बातों पर निर्भर करता है:
-व्यक्ति की उम्र क्या है और उसकी सेहत कैसी है
-मरीज को एक्टिव टीबी हुई है या लैटेंट यानी अप्रत्यक्ष टीबी जिसमें लक्षण नहीं दिखते
-टीबी का इंफेक्शन शरीर के किस हिस्से में हुआ है
टीबी का इलाज आमतौर पर 3 महीने से लेकर 9 महीने तक चलता है. लक्षण चले जाने के बाद भी बेहद जरूरी है कि आप दवा का कोर्स पूरा करें वरना बीमारी के दोबारा उभरने की आशंका रहती है.


(नोट: किसी भी उपाय को करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें. Zee News इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)


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