World TB Day 2023: ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 24 मार्च को विश्व ट्यूबरक्लोसिस डे मनाया जाता है, जो एक संक्रामक जीवाणु संक्रमण है. यह मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है. आज ही के दिन 1882 में डॉ. रॉबर्ट कोच द्वारा टीबी बैक्टीरिया की खोज की थी. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का अनुमान है कि दुनिया की लगभग एक-चौथाई आबादी टीबी बैक्टीरिया से संक्रमित है, और हर साल लगभग 14 लाख लोग टीबी से मर जाते हैं.


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क्या है टीबी?
टीबी एक संक्रमण है जो आमतौर पर माइकोबैक्टीरिया ट्यूबरक्लोसिस (Mycobacterium tuberculosis) द्वारा होता है. यह संक्रमण आमतौर पर फेफड़ों में होता है, लेकिन यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है. टीबी एक खतरनाक बीमारी होती है जो लंबे समय तक चलती है और शरीर के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित कर सकती है. फेफड़ों में टीबी संक्रमण के लक्षण में श्वसन के समय अस्थमा जैसे समस्याएं, सूखी खांसी, हेमोप्टिसिस (खूनी खांसी), फेफड़ों में दर्द, थकान, बुखार, नाक बहना आदि शामिल हो सकते हैं. अन्य अंगों में टीबी संक्रमण के लक्षण में बुखार, वजन कम होना, स्वस्थ शरीर में शून्यता, दर्द आदि शामिल हो सकते हैं.


छुआछूत बीमारी है टीबी?
अधिकतर लोग यह मानते हैं कि टीबी एक छुआछूत बीमारी है. इस बीमारी से पीड़ित मरीज के कपड़े या बर्तन छूने से बीमारी फैलती है. हालांकि, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. इस बीमारी से पीड़ित मरीज को बस इतना ख्याल रखना है कि वह मुंह-नाक पर रुमाल रखकर खांसे या छीकें. मरीज का इलाज सही ढंग से चलता रहे तो दो हफ्ते बाद टीबी के फैलने का खतरा खत्म हो जाता है.



शरीर को कैसे प्रभावित करती है टीबी?
वैसे तो टीबी आम तौर पर फेफड़ों पर हमला करता है, लेकिन यह बीमारी शरीर के किसी भी भाग को प्रभावित कर सकती है. यह हवा के माध्यम से तब फैलता है, जब वे लोग जो सक्रिय टीबी संक्रमण से ग्रसित हैं, खांसी, छींक, या किसी अन्य प्रकार से हवा के माध्यम से अपना लार संचारित कर देते हैं.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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