मुंबई: युवा सेना प्रमुख आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) ने सोमवार को ऐलान करते हुए कहा कि वह विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Elections 2019) लड़ने जा रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि वह दक्षिण-मध्य मुंबई की वर्ली सीट (Worli Assembly seat) से चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने ये बातें पार्टी मीटिंग के दौरान कहीं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ठाकरे ने कहा, "हां, मैं चुनाव लड़ने जा रहा हूं. मैंने बड़ा फैसला लिया है. मेरे लिए यह बड़ा क्षण है. जो भी मेरे खिलाफ लड़ना चाहे, लड़ें, यह उनका अधिकार है. मैं डर नहीं रहा क्योंकि मुझे पता है कि आप मुझे निराश नहीं करेंगे." 


युवा नेता ठाकरे ने कहा कि तीन वर्षों में शिवसेना ने खूब सामाजिक सेवा की है जिससे लोगों को फायदा मिला है और इस आधार पर मैं चुनाव लड़ने जा रहा हूं. उन्होंने आगे कहा, "यह निर्णय मेरे लिए नहीं है लेकिन लोगों के लिए और न्याया पाने के लिए है. हमारे लिए नया महाराष्ट्र बनाने का यह पहला मौका है. यह फैसला मुख्यमंत्री बनने के लिए नहीं बल्कि लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने से जुड़ा है." 


हरियाणा चुनाव: बीजेपी ने जारी की 78 उम्मीदवारों की लिस्ट, 7 मौजूदा विधायकों के टिकट कटे


LIVE टीवी: 



शिवसेना सांसद संजय राउत ने आदित्य के चुनाव लड़ने के फैसले पर खुशी जताते हुए कहा वह सूर्यान हैं जो चुनाव बाद महाराष्ट्र के सीएम ऑफिस में चमकेंगे. राउत ने कहा, "हाल ही में, तकनीकी कारणों की वजह से चंद्रयान चंद्रमा में सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर सका.  लेकिन आदित्य सूर्यान हैं जो चमकते रहेंगे."


वर्ली विधानसभा सीट
आदित्य ठाकरे का निवास स्थान 'मातोश्री' बांद्रा ईस्ट विधानसभा चुनाव क्षेत्र के अंतर्गत आता है. शिवसेना का मुख्य कार्यालय 'सेना भवन' दादर इलाके में है. बावजूद इसके शिवसेना ने अपने सबसे 'ताकतवर' उम्मीदवार को सबसे 'सेफ' सीट पर उतारने का फैसला किया है. वर्ली विधानसभा सीट पर शिवसेना के सुनील शिंदे मौजूदा विधायक हैं, जबकि उनके विरोधी रह चुके सचिन अहिर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी छोड़कर शिवसेना में शामिल हो ही चुके हैं.


पार्टी के 53 साल के इतिहास में यह पहली बार होगा कि चुनाव में शिवसेना को किसी 'ठाकरे' का चेहरा मिलेगा. आदित्य ठाकरे, ठाकरे परिवार से चुनाव लड़ने वाले पहले सदस्य होंगे. 1960 के दशक में शिवसेना की स्‍थापना के साथ बाला साहेब ठाकरे का सियासी रसूख महाराष्‍ट्र की राजनीति में बढ़ता गया. उनके बाद कमान बेटे उद्धव ठाकरे ने संभाली लेकिन सत्‍ता को रिमोट कंट्रोल की तरह चलाने वाला ठाकरे परिवार अब पहली चुनावी दंगल में उतर रहा है.


(इनपुट IANS से)