Acharya Pramod Krishnam: कांग्रेस ने शनिवार को अपने वरिष्ठ नेता और आध्यात्मिक गुरु आचार्य प्रमोद कृष्णम को अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है. कृष्णम को लेकर पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि वे निकट भविष्य में कांग्रेस से अपनी राह अलग कर सकते हैं. 2019 का लोकसभा चुनाव लखनऊ सीट से कांग्रेस की टिकट पर लड़ने वाले कृष्णम ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद से उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई थीं. हालांकि अब उन पर कांग्रेस ने गाज गिरा दी है.


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असल में कृष्णम कांग्रेस के नेतृत्व से नाराज थे और पार्टी की रणनीति और नीतियों को लेकर भी आलोचना भी कर रहे थे. प्रमोद कृष्णम ने राम मंदिर को लेकर बीजेपी का समर्थन कर हलचल मचा दी थी. इसके अलावा उन्होंने 19 फरवरी को संभल में कल्कि धाम मंदिर का शिलान्यास करने के लिए प्रधानमंत्री को आमंत्रित भी किया. उन्होंने कहा था कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने से किसी पर कोई रोक नहीं है, लिहाजा मेरा इस कार्यक्रम में शामिल होना कोई अपराध नहीं है. वहीं, प्रधानमंत्री मोदी या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने पर भी कोई प्रतिबंध नहीं है. 


'हर प्रकार की सजा भुगतने के लिए तैयार'
उन्होंने साफ कह दिया था कि अगर कांग्रेस को लगता है कि मैंने कोई अपराध किया है, तो मैं हर प्रकार की सजा भुगतने के लिए तैयार हूं. मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिला था और मैंने उन्हें 19 फरवरी को होने वाले कल्कि धाम कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था. वहीं, इससे पहले मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला था और मैंने उन्हें शिलान्यास करने के लिए आमंत्रित किया था. मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री दोनों ही इस कार्यक्रम में शामिल होंगे.


पीएम मोदी से भी मिले थे
प्रधानमंत्री ने भी सोशल मीडिया पर आचार्य प्रमोद कृष्णम को प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंंने कहा कि आस्था और भक्ति से जुड़े इस पवित्र अवसर का हिस्सा बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है. निमंत्रण के लिए आपका हृदय से आभार आचार्य प्रमोद कृष्णम जी. इससे पहले आचार्य ने अपने पोस्ट में कहा था, "“मुझे 19 फरवरी को आयोजित होने वाले “श्री कल्कि धाम” के शिलान्यास समारोह में भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी को आमंत्रित करने का सौभाग्य मिला. इसे स्वीकार करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार एवं धन्यवाद.


हालांकि आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पहले ही संकेत दिए थे कि वो निकट भविष्य में कांग्रेस से अपनी राह अलग कर सकते हैं. उन्होंने कांग्रेस से अपने अलग होने से जुड़े कयासों को ना ही कभी खारिज किया और ना ही उसकी पुष्टि की थे, लेकिन अब कांग्रेस ने खुद ही निर्णय लिया और उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया.