Rajasthan News: राजस्थान रोडवेज की बसों को लेकर सवाल उठ रहे हैं, जानिए कैसे ये बसे आधुनिक तो हैं पर 'असुविधाजनक' भी हैं?
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Rajasthan News: राजस्थान रोडवेज की नई बसें आधुनिक हैं, प्रदूषण कम फैलाती हैं, लेकिन यह यात्रियों के लिए अधिक असुविधाजनक भी साबित हो रही हैं. दरअसल बसों में सीटों के बीच स्पेस कम किए जाने से यात्रियों को लम्बी दूरी की यात्रा के दौरान परेशानी हो रही है.
राजस्थान रोडवेज में हाल ही खरीदी गई BS-6 श्रेणी की नई बसें अब यात्रियों के लिए सुविधा के बजाय असुविधा का कारण बन रही है. रोडवेज की नई बसों में यात्रियों के बैठने के लिए लगाई गई सीटों के बीच में स्पेस कम कर दिया गया है. इस कारण यात्रियों को लम्बी दूरी तक इन बसों में बैठने में परेशानी आ रही है.
दरअसल, राजस्थान रोडवेज ने इसी साल 510 नई बसों की खरीद की है. ये बसें करीब 163 करोड़ रुपए की लागत से खरीदी गई हैं. इन अत्याधुनिक बसों को यात्रियों के लिए आरामदायक और अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त बताया जा रहा है.
इन बसों के BS-6 श्रेणी में होने से इनसे फैलने वाला प्रदूषण भी कम है. रोडवेज प्रशासन ने सर्वाधिक बसें NCR में शामिल जिलों को अलॉट की हैं. जबकि कुछ-कुछ बसें लगभग सभी डिपो को आवंटित की गई हैं.
अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त बताई जा रही ये नई बसें अब यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बन रही हैं. चूंकि बसों के अंदर सीटों के बीच में बैठने की जगह कम है, इस कारण यात्रियों को पैर फैलाने के लिए जगह नहीं मिल रही है. इससे लम्बी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों को परेशानी हो रही है.
रोडवेज बसों में सीट संख्या पूर्ववत 47 |
बस की कुल लम्बाई औसतन 1000 सेमी |
मौजूदा ड्राइवर केबिन पुरानी बसों की तुलना में 20 सेमी बढ़ाया गया |
BS-3,4 बसों में ड्राइवर केबिन की लम्बाई 170 सेमी होती थी |
अब नई बसों में ड्राइवर केबिन की लम्बाई 190 सेमी |
इमरजेंसी एग्जिट वाली सीट के पास भी स्पेस अधिक छोड़ा गया |
इससे बस में अन्य सीटों के बीच स्पेस में कमी आई |
BS-3 बसों में सीटों के बीच स्पेस 65 से 66 सेमी था |
BS-4 बसों में यह स्पेस 64 से 65 सेमी तक |
जबकि BS-6 बसों में यह स्पेस 60 से 62 सेमी |
इस तरह 3 से 6 सेमी तक कम हुआ सीटों के बीच स्पेस |
बसों के अंदर सीटों के बीच में स्पेस के गणित को समझने के लिए जी मीडिया ने खुद इंचीटेप के जरिए माप की. इस दौरान जयपुर में मौजूद BS-3, BS-4 और BS-6 श्रेणी की बसों के अंदर जांच की गई.
बसों की जांच में यह साफ देखा गया कि वास्तव में सीटों के बीच में स्पेस कम हुआ है. वर्ष 2017 में खरीदी गई BS-3 श्रेणी की बसों में सीटों के बीच में स्पेस अपेक्षाकृत अधिक था, जिससे यात्रियों को पैर सीधे रखने के लिए अधिक जगह मिल रही थी, लेकिन नई BS-6 बसों में केबिन की साइज बढ़ाने और इमरजेंसी एग्जिट के पास जगह अधिक छोड़ने से सीटों के बीच स्पेस में आंशिक रूप से कमी आई है.