Kashi Vishwanath Corridor: काशी विश्वनाथ का नया कॉरिडोर बनने के बाद न केवल भक्तों की संख्या, बल्कि उनके चढ़ावा में भी इजाफा हुआ है. मंदिर प्रशासन की मानें तो विश्वनाथ के दर्शन के लिए आए शिवभक्तों ने दिल खोलकर बाबा के दरबार में नकदी, सोना, चांदी और अन्य धातुओं का चढ़ावा चढ़ाया. मंदिर प्रशासन के आंकलन के अनुसार, चढ़ावे का कुल मूल्य 100 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का है. 


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काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया, धाम के लोकार्पण से अब तक श्रद्धालुओं द्वारा लगभग 50 करोड़ से अधिक की नकदी दान की गई है. इसमें से 40 प्रतिशत धनराशि आनलाइन सुविधाओं के उपयोग से प्राप्त हुई है. वहीं श्रद्धालुओं द्वारा लगभग 50 करोड़ से अधिक की बहुमूल्य धातु (60 किलो सोना, 10 किलो चांदी और 1500 किलो तांबा) भी है. 


500 प्रतिशत का इजाफा


आस्थावानों द्वारा दिए गए सोना व तांबे का प्रयोग करके गर्भगृह की बाहरी एवं आंतरिक दीवारों को स्वर्ण मंडित किया गया है. अधिकारी के अनुसार, 13 दिसंबर, 2021 से लेकर अबतक श्रद्धालुओं द्वारा 100 करोड़ रुपये से अधिक का अर्पण किया गया है, जो मंदिर के इतिहास में सर्वाधिक है. साथ ही गत वर्ष की तुलना में ये राशि लगभग 500 प्रतिशत से अधिक है.


सुनील कुमार वर्मा ने बताया, लोकार्पण के बाद से लेकर अब तक मंदिर में 7.35 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किया है. बता दें कि धाम परिसर के चारों द्वार पर लगे हेड स्कैनिंग मशीन के जरिए नियमित अंतराल पर श्रद्धालुओं की गिनती की जाती है.


लोकार्पण के बाद श्रीकाशी विश्वनाथ धाम आने श्रद्धालुओं की संख्या


माह-  श्रद्धालुओं की संख्या


दिसंबर - 2021 4842716


जनवरी -2022 7459471


फरवरी - 2022 6856142


मार्च - 2022 7171163


अप्रैल - 2022 6587264


मई - 2022 6290511


जून - 2022 6916981


जुलाई - 2022 7681561


अगस्त - 2022 6711499


सितंबर - 2022 4013688


अक्टूबर - 2022 3830643


नवंबर - 2022 3870403


दिसंबर (1 से 12) 1350000


कुल : 73582042


मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया,  श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण और मुआवजा में तकरीबन 900 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. आने वाले समय में धाम में सुविधाओं के विस्तार से भक्तों की संख्या बढ़ना निश्चित है, जिससे शिवभक्तों की ओर से चढ़वा भी बढ़ेगा. उन्होंने बताया कि चढ़ावे के अलावा कॉरिडोर में बने भवनों से भी अतिरिक्त आय होगी. माना जा रहा है कि कॉरिडोर की लगात अगले 4 से 5 साल में भक्तों के चढ़ावे और परिसर में नवनिर्मित भवनों से होने वाली आय से पूरी कर ली जाएगी.


मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया, लोकार्पण के बाद मंदिर न्यास द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधाओं में लगातार बेहतरी का प्रयास किया गया है. पेयजल व्यवस्था, छाया की व्यवस्था, मैट व अन्य मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है. सुगम दर्शन व्यवस्था में 50 कर्मचारी कार्यरत हैं, जबकि साफ सफाई व्यवस्था में 200 कर्मियों एवं दर्शनार्थियों को बेहतर सुरक्षा एवं सुविधा देने के लिए 100 कर्मियों को लगाया गया है. इसके अलावा लॉकर, हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं. मंदिर में दर्शनार्थ आने वाले वृद्ध व दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए व्हील चेयर की व्यवस्था की गई है.


(इनपुट-एजेंसी)


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