कोलकाता: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बाद शराब पीने वाले लोगों की संख्या के मामले में पश्चिम बंगाल (West Bengal) दूसरे स्थान पर है. इकोनॉमिक रिसर्च एजेंसी इक्रियर (ICRIER) और लॉ फर्म पीएलआर चैंबर्स (PLR Chamber) के एक संयुक्त अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है.


14 करोड़ लोग पीते हैं शराब


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स्टडी के अनुसार, पश्चिम बंगाल में करीब 14 करोड़ लोग ऐसे हैं, जो शराब पीते हैं. यह राज्य के 3 प्रमुख राजस्व कमाई वाले क्षेत्रों में है. इसमें कहा गया है कि राज्य में प्राइस मॉडल में हाल में बदलाव किया गया है. इसे मुक्त बाजार से निचला एक्स-डिस्टिलरी मूल्य (EDP) किया गया है. शराब पर टैक्सों में बढ़ोतरी हुई है जो उद्योग के लिए एक प्रमुख चिंता की वजह है. वहीं, खुदरा कीमतों में भारी बढ़ोतरी से राज्य में देश में बनी विदेशी शराब (आईएमएफएल) की बिक्री में गिरावट आई है.


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3 सालों में 6.8% तक बढ़ी शराब की सेल


रिपोर्ट में कहा गया है कि गणना का तरीका हालांकि निचला ईडीपी है, लेकिन आबकारी शुल्क बढ़ा दिया गया है. कीमत में बदलाव पर कंज्यूमर फीडबैक के लिहाज से इस मुद्दे की समीक्षा करने की जरूरत है. भारत अल्कोहलिक पेय के मामले में दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता बाजार है. 2020 में इस बाजार का आकार 52.5 अरब डॉलर था. शराब के बाजार में 2020 से 2023 के दौरान सालाना 6.8 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है. देश में 2015-16 से 2018-19 के दौरान शराब का उत्पादन करीब 23.8 प्रतिशत बढ़ा है. इस क्षेत्र ने करीब 15 लाख लोगों को रोजगार दिया है. 2019 में इस क्षेत्र का बिक्री कारोबार 48.8 अरब डॉलर था.


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