How Other Nations Recruit Soldiers: सेना में भर्ती की नई योजना 'अग्निपथ' को लेकर देश में बवाल मचा है. केंद्र सरकार की इस नई योजना के तहत अग्निवीर सेना में 4 साल नौकरी कर पाएंगे. हालांकि प्रदर्शन के आधार पर 25 फीसदी अग्निवीरों की नौकरी जारी रहेगी. इस योजना के तहत भर्ती की उम्र 17.5 साल से 21 साल होगी.


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विवाद के बाद सरकार ने भर्ती की ऐज लिमिट में छूट देने का फैसला किया है. लेकिन यह छूट केवल एक बार के लिए ही होगी और उसके बाद अग्निपथ स्कीम की ऐज लिमिट के अनुसार ही भर्तियां होंगी. सरकार के नए ऐलान के मुताबिक, जल्द शुरू होने वाली तीनों सेनाओं की पहली भर्ती में 23 साल तक के युवा भी अप्लाई कर सकेंगे.


वो अग्निवीर जिनकी नौकरी 4 साल बाद खत्म हो जाएगी, सरकार की ओर से उन्हें 11.71 लाख की राशि दी जाएगी, जो टैक्स के दायरे में नहीं आएगी. ये तो बात हो गई भारत में सेना में भर्ती की नई योजना पर. अब हम जानते हैं कि अन्य देशों में सेना में भर्ती की क्या प्रक्रिया होती है.


अमेरिका- दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क के पास 14 लाख सैनिक हैं. यहां पर सैनिकों की भर्ती स्वैच्छिक आधार पर होती है. अधिकांश सैनिकों की भर्ती चार साल के लिए होती है, जिसके बाद चार साल की रिजर्व ड्यूटी अवधि होती है, जहां जरूरत पड़ने पर उन्हें वापस बुलाया जा सकता है.


अमेरिका में सैनिक पूर्ण सेवा का विकल्प चुन सकते हैं और 20 साल तक सेवा देने के बाद पेंशन और अन्य लाभ के पात्र होते हैं. समय से पहले सेवानिवृत्त होने वाले सैनिक मामले के आधार पर कुछ भत्तों के लिए पात्र होते हैं.


चीन- भारत के इस पड़ोसी देश में हर साल ट्रेनिंग के लिए 4.5 लाख सैनिकों की भर्ती की जाती है. चीन की बड़ी वयस्क पुरुष आबादी को देखते हुए, हर साल इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए 80 लाख लोग उपलब्ध हैं.


चीन में सैनिक दो साल तक काम करते हैं और उन्हें 40 दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण दिया जाता है. इसके बाद व्यक्तिगत आधार पर या यूनिट्स की आवश्यकता पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है.सेलेक्शन के आधार पर अज्ञात संख्या में सैनिकों को पूर्ण सेवा के लिए रखा जाता है.


सेना में नौकरी खत्म होने के बाद सैनिकों को अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए रियायती ऋण दिया जाता है. इसके अलावा उन्हें रोजगार देने वाली कंपनियों को टैक्स में लाभ दिया जाता है.


फ्रांस- सैनिकों की भर्ती अनुबंध के आधार पर की जाती है. इसके लिए कई मॉडल हैं. एक साल के अनुबंध से लेकर पांच साल तक का अनुबंध सैनिकों का होता है. यहां पर सैनिकों को तीन महीने का प्रशिक्षण दिया जाता है और जो 19 साल से अधिक समय तक सेवा करते हैं, वे राज्य पेंशन के लिए पात्र होते हैं.


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रूस- रूस सशस्त्र बलों में भर्ती और संविदात्मक सेवा के हाइब्रिड मॉडल का अनुसरण करता है. सैनिकों को एक साल का प्रशिक्षण दिया जाता है, उसके बाद एक साल की सेवा दी जाती है और फिर उन्हें रिजर्व में रखा जाता है. सैनिकों को विश्वविद्यालयों में प्रवेश में प्राथमिकता दी जाती है और उनके पास सैन्य संस्थानों में शिक्षा लेने का विकल्प होता है.


इजरायल- इजरायल में एक भर्ती प्रणाली है जहां सभी वयस्कों को सशस्त्र बलों में सेवा करने की आवश्यकता होती है. पुरुषों को 32 महीने और महिलाओं को 24 महीने तक सेवा करनी होती है. इस सेवा के बाद, उन्हें एक रिजर्व कैटेगरी में डाल दिया जाता है और किसी भी समय सक्रिय ड्यूटी के लिए वापस बुलाया जा सकता है.


इजरायल में सैनिकों को हथियारों और उपकरणों को संभालने का बुनियादी प्रशिक्षण दिया जाता है और ब्रिगेड स्तर पर प्रशिक्षण के बाद उन्हें ऑपरेशनल ड्यूटी पर रखा जाता है. उनमें से 10% तक सशस्त्र बलों में बनाए रखा जाता है और उन्हें सात साल के लिए अनुबंध दिया जाता है. कम से कम 12 साल की सेवा के बाद पेंशन दी जाती है.


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