नई दिल्ली: पिछले साल वायु प्रदूषण (Air Pollution) से होने वाली मौतों और बीमारियों की वजह से दिल्ली (Delhi) को प्रति व्यक्ति सबसे ज्यादा आर्थिक नुकसान हुआ. द लांसेट (The Lancet) की एक स्टडी के अनुसार, वर्ष 2019 में वायु प्रदूषण (Air Pollution) के कारण दिल्ली (Delhi) को प्रति व्यक्ति 62 अमेरिकी डॉलर यानी लगभग 4550 रुपये का नुकसान हुआ.  


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द लांसेट (The Lancet) की स्टडी के मुताबिक, वर्ष 2019 में भारत में समय से पहले होने वाली मौतों और वायु प्रदूषण (Air Pollution) से होने वाली मोरबिडिटी के कारण जीडीपी का 1.36 प्रतिशत आर्थिक नुकसान हुआ.


उत्तर प्रदेश को वायु प्रदूषण से सबसे ज्यादा नुकसान


वहीं दिल्ली (Delhi) में समय से पहले होने वाली मौतों और वायु प्रदूषण (Air Pollution) से होने वाली मोरबिडिटी के कारण राज्य की जीडीपी का 1.06 प्रतिशत आर्थिक नुकसान हुआ. वहीं उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में राज्य जीडीपी का 1.34 प्रतिशत आर्थिक नुकसान हुआ जो देश में सबसे ज्यादा है.


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दिल्ली में वायु प्रदूषण के मुख्य कारण


दिल्ली (Delhi) लगातार दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक बनी हुई है. इसके कई कारण हैं जैसे कि ऑटोमोबाइल और पावर प्लांट्स के एमिशन्स, इनडोर पॉल्यूशन और सर्दी में हरियाणा व पंजाब के किसानों द्वारा पराली का जलाना.


भारत में वायु प्रदूषण से हुईं लाखों मौतें


द लांसेट (The Lancet) की स्टडी के अनुसार, साल 2019 में भारत में वायु प्रदूषण के कारण लगभग 16.7 लाख लोगों की मृत्यु हुई जो कि देश में हुई कुल मौतों का 17.8% है.


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वायु प्रदूषण से भारत को बड़ा नुकसान


द इंडिया स्टेट-लेवल डिसीज बर्डन इनिशिएटिव (The India State-Level Disease Burden Initiative) के महानिदेशक और स्टडी के वरिष्ठ लेखक प्रोफेसर ललित दांडोना ने कहा कि 2019 में लॉस्ट प्रोडक्टिविटी (Lost Productivity) के कारण स्वास्थ्य हानि का आर्थिक प्रभाव भारत की जीडीपी का 1.4% है.


उन्होंने आगे कहा कि साल 2019 में इसके अलावा वायु प्रदूषण संबंधी बीमारियों के इलाज पर जीडीपी का लगभग 0.4% खर्च किया गया. वायु प्रदूषण का स्वास्थ्य और आर्थिक प्रभाव भारत के कम विकसित राज्यों में सबसे अधिक है. इस असमानता को एड्रेस किया जाना चाहिए.


(इनपुट- हरीश भारद्वाज)


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