Ajit Pawar Sharad Pawar: महाराष्ट्र में सीएम पद को लेकर सस्पेंस भले ही खत्म हो गया है लेकिन अभी भी कई ट्विस्ट सामने आ रहे है. एक तरफ देवेंद्र फडणवीस तीसरी बार सीएम की शपथ लेने वाले हैं तो साथ में अजीत पवार छठी बार उप मुख्यमंत्री की शपथ लेकर इतिहास रचने जा रहे हैं. तमाम राजनीतिक घटनाक्रम के बीच अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे या नहीं. इसी बीच राज्य में एक और नाटकीय बदलाव देखने को मिल सकता है. सूत्रों की मानें तो एनसीपी शरद पवार के कई सांसद पाला बदलकर अजीत पवार का दामन थाम सकते हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

असल में सूत्रों के मुताबिक अजीत पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट ने शरद पवार की पार्टी के सांसदों को अपने पक्ष में लाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं. बताया जा रहा है कि इस काम के लिए पार्टी की एक वरिष्ठ महिला नेता को सांसदों से संपर्क साधने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.


अजीत पवार के दिल्ली दौरे से बढ़ी हलचल
हाल ही में अजीत पवार के हालिया दिल्ली दौरे के बाद यह चर्चा और तेज हो गई कि वे शरद पवार के प्रभाव को कमजोर करने की रणनीति बना रहे हैं. उनके गुट के विधायक अमोल मिटकरी ने भी एक ट्वीट के जरिए इस घटनाक्रम को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन दिया है. मिटकरी ने अपने ट्वीट में रोहित पवार पर निशाना साधा गया है. 



रोहित पवार एनसीपी शरद पवार के नेता हैं. उनके ऊपर कटाक्ष करते हुए अमोल मिटकरी की तरफ से यह लिखा गया है. अमोल मिटकरी उन्हें ताना मार रहे हैं कि वे "लोकतंत्र बचाने" की बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं, जबकि उनकी अपनी पार्टी के सांसद और विधायक विरोधी खेमे के संपर्क में हैं. ट्वीट में देवगिरी (शरद पवार का निवास) और सागर बंगला (देवेंद्र फडणवीस का निवास) का जिक्र करते हुए संकेत दिया गया है कि राजनीतिक संपर्कों और बैठकों का सिलसिला तेज है.



सांसद सुरेश म्हात्रे की मुलाकात से भी बढ़ी अटकलें
इस बीच भिवंडी के सांसद सुरेश उर्फ बाळ्या मामा म्हात्रे की सोमवार को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सागर बंगले पर मुलाकात ने सियासी गलियारों में नई चर्चा छेड़ दी. हालांकि म्हात्रे ने इसे निजी काम बताया और साफ किया कि वे शरद पवार के साथ ही हैं. लेकिन हलचल इससे भी काफी बढ़ गई है. 


राजनीतिक दांव-पेंच जारी
इधर महाराष्ट्र में नए सीएम के शपथ को लेकर तैयारी जारी है. उधर राजनीतिक दांव पेंच भी जारी है. अब देखना होगा कि अजीत पवार के इस कदम का शरद पवार गुट पर क्या असर पड़ता है और कितने सांसद व नेता इस संपर्क में आते हैं. बता दें कि लोकसभा चुनाव में अजीत पवार के केवल एक सांसद चुनकर आए थे अब माना जा रह है कि शरद पवार के गुट के कई सांसद पाला बढ़ाकर अजीत पवार के खेमे में आ सकते हैं.