Ajmer Dargah Controversy: अजमेर दरगाह कमेटी ने प्रशासन से की ये डिमांड, विरोध में उतर आया हिंदू समाज; दी आंदोलन की चेतावनी
Ajmer Dargah New Controversy: पृथ्वीराज चौहान की नगरी अजमेर में दोबारा से सांप्रदायिक तनाव का माहौल बनने लगा है. अजमेर दरगाह कमेटी ने प्रशासन से ऐसी डिमांड की है, जिसके विरोध में पूरा हिंदू समाज एकजुट हो गया है.
Ajmer Dargah Controversy Latest Updates: भगवान ब्रह्मा की नगरी अजमेर में एक बार फिर से सांप्रदायिक तनाव बनने की आशंका बन गई है. अजमेर दरगाह अंजुमन कमेटी के सचिव सरवर चिश्ती ने प्रशासन से मांग की है कि अजमेर को ख्वाजा की नगरी घोषित किया जाए. साथ ही अजमेर के चारों एंट्री पॉइंट पर इस संबंध में पोस्टर लगाकर वहां उर्स के लिए पहुंचने वाले लोगों का स्वागत करने की परमीशन दी जाए. चिश्ती की इस मांग पर अजमेर के सकल हिंदू समाज ने जोरदार आपत्ति जताई है और यह मांग मंजूर किए जाने पर विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है.
सरवर चिश्ती की मांग पर जताया विरोध
सरवर चिश्ती (Ajmer Dargah Controversy) की मांग के विरोध में मंगलवार को अजमेर के सकल हिंदू समाज (Sakal Hindu Samaj of Ajmer) का प्रतिनिधिमंडल शहर के संभागीय आयुक्त से मिला. प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोगोंने कहा कि अजमेर सम्राट पृथ्वीराज चौहान की नगरी है. ऐसे में इसे लेकर किसी तरह का परिवर्तन नहीं किया जाए. लोगों ने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने लोगों की भावनाओं का उल्लंघन करते हुए किसी तरह का परिवर्तन किया तो फिर जिला प्रशासन को हिंदू समाज के विरोध का सामना करना पड़ेगा.
'अजमेर नगरी के स्वरूप में नहीं हो बदलाव'
लोगों ने कहा कि अजमेर सर्वधर्म सद्भाव की नगरी रही है. ऐसे में इसके ढांचे से किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए. सकल हिंदू समाज (Sakal Hindu Samaj of Ajmer) के पदाधिकारियों का कहना है कि अजमेर का इतिहास गौरवशाली रहा है. राजा अजय पाल ने इस नगरी को बसाया था. उनके बाद सम्राट पृथ्वीराज चौहान की नगरी के नाम से यह शहर पहचाना गया है. इसके बावजूद अगर शहर के किसी भी एंट्री पॉइंट पर कोई सांप्रदायिक परिवर्तन किया जाता है तो फिर सकल हिंदू समाज की ओर से आंदोलन किया जाएगा.
लोगों ने दी विरोध प्रदर्शन की चेतावनी
हिंदू समाज (Sakal Hindu Samaj of Ajmer) के पदाधिकारियों का आरोप लगाया कि अंजुमन कमेटी के सचिव की ओर से की गई यह मांग आम लोगों में रोष उत्पन्न करने वाली है. शहर की शांति और सौहार्द को बिगाड़ने के लिए इस तरह की मांग को उछाला गया है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. प्रतिनिधनिमंडल में शामिल लोगों ने कहा कि सरवर चिश्ती ने पहले भी ऐसे कई विवादित बयान दिए हैं, जिनसे सामाजिक शांति को खतरा पैदा हुआ है. ऐसे में प्रशासन सभी पहलुओं और शहर की सुख-शांति को ध्यान में रखते हुए ही कोई फैसला ले.
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