नई दिल्ली: शिरोमणि अकाली दल के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने दिल्ली के दयाल सिंह (ईवनिंग) कॉलेज का नाम बदलकर ‘वंदे मातरम महाविद्यालय’ करने के फैसले का विरोध किया है. सिरसा ने कहा कि यह एस दयाल सिंह मजीठिया के प्रयासों का नतीजा है कि इस कॉलेज को 1960 में लीज पर जमीन मिली. उन्होंने एक बयान में कहा कि मजीठिया ने देश के एक प्रमुख समाजसेवी के रूप में बड़ा योगदान दिया. उन्होंने कहा, ‘‘यह कॉलेज दयाल सिंह ट्रस्ट का महत्वपूर्ण हिस्सा है. नाम बदलने का मतलब उनकी विरासत को नकारना है. इसे कोई बर्दाश्त नहीं करेगा.’’


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

केरल: ‘वेद, वेदांत और तंत्र’ की शिक्षा के लिए खुलेगा कॉलेज


वहीं कॉलेज का नाम बदले जाने पर गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन अमिताभ सिन्हा ने कहा, 'नोटिफिकेशन में बताया गया कि एग्जिक्युटिव काउंसिल ने दयाल सिंह ईवनिंग कॉलेज को पूर्ण कॉलेज का दर्जा दे दिया है. तब हमने इसे नया और प्रेरणादायी नाम देने का फैसला किया. हमने फैसला किया कि इसका नाम वंदे मातरम महाविद्यालय होना चाहिए.'


NGT: स्कूलों-कॉलेजों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाने के निर्देश, नहीं तो लगेगा 5 लाख का जुर्माना


वहीं आधिकारिक परिषद की मीटिंग में ईवनिंग कॉलेज को पूर्ण कॉलेज बनाने की अनुमति दिए जाने का छात्र और शिक्षक भी विरोध कर रहे हैं. मॉर्निंग और ईवनिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स ने शनिवार को प्रदर्शन भी किया था, जिसके कारण कॉलेज की गवर्निंग बॉडी की बैठक को रोक देना पड़ा था.


(इनपुट एजेंसी से)