UP News: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच वार-पलटवार का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए सीएम योगी पर फिर निशाना साधा. इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया. अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि भाषा से पहचानिए असली संत महंत, साधु वेष में घूमते जग में धूर्त अनंत.


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केशव मौर्य ने किया पलटवार


इस पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव को जवाब उन्हीं के अंदाज में दिया. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि सपा मुखिया अखिलेश यादव जी आप कांग्रेस के मोहरा और राहुल गांधी के दरबारी बनने के बाद से भाषा की मर्यादा भूल गए हैं.  और आपकी बयानबाज़ी से केवल संपूर्ण संत समाज का ही नहीं प्रदेश की 25 करोड़ जनता का भी अपमान हो रहा है. ऐसे बयान के लिए आप सार्वजनिक रूप से क्षमा मांगें. आपकी भाषा ही सपा को समाप्त वादी पार्टी बनायेगी. 


तो वहीं यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि समाजवादी पार्टी की मानसिकता ही धर्म विरोधी है. दिनेश शर्मा ने कहा, साधु संतों के साथ किस तरीके से दुर्व्यवहार हो सके, उनको बदनाम कर सकें, ये जो चाल है और खास तौर से समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की, मैं समझता हूं कि आने वाले समय में जनता इसका जवाब खुद देगी.


जबकि कांग्रेस अखिलेश यादव की हां में हां मिलाती दिखाई दी. कांग्रेस प्रवक्ता मनीष हिंदवी ने कहा, ये तो सच है, ये तो सबको पहचानना ही चाहिए, कोई चोला धारण कर लेने से व्यक्ति बदल नहीं जाता है, इसका उदाहरण है कि तमाम अपने आप को संत कहने वाले लोग आज सलाखों के पीछे हैं.


'अपराधियों का हो गया भाजपाईकरण'


इसके अलावा अखिलेश यादव ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के अपराधी कहीं गए नहीं है, बल्कि उनका भाजपाईकरण हो गया है. शुक्रवार को  यादव ने कहा कि अपराध और कानून-व्यवस्था पर जीरो टॉलरेंस का भाजपा सरकार का दावा फेल है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अपराधियों ने एक साधु की सरेआम बेरहमी से हत्या कर दी. यादव ने कहा कि अयोध्या के राम मंदिर में सफाईकर्मचारी से इस साल 16 से 25 अगस्त तक कई बार सामूहिक दुष्कर्म करने की घटना में सत्ता दल से संबंधित लोग आरोपी हैं. महिलाएं आस्था के स्थान पर भी सुरक्षित नहीं हैं.


अयोध्या के कैंट थाने में पीड़ित युवती की दर्ज कराई गयी प्राथमिकी के अनुसार, 16 से 25 अगस्त के बीच तीन अलग-अलग मौकों पर उससे सामूहिक दुष्कर्म किया गया. सामूहिक दुष्कर्म के आरोप पर पुलिस ने अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में महिला ने दावा किया, “वह अयोध्या में राम जन्मभूमि पर सफाईकर्मचारी के रूप में काम करती है और एक स्थानीय महाविद्यालय में बीए फाइनल ईयर की छात्रा है.” 


'सरकार अपने कुकर्मों पर डालती है पर्दा'


सपा प्रमुख ने कहा, ''यह घटनाएं उत्तर प्रदेश में बेखौफ घूम रहे दुर्दांत गैंग का सच सामने ला रही हैं. प्रदेश में हर दिन हत्याएं हो रही हैं. अपराधियों में प्रशासन का कोई डर नहीं है.'' उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश देश में सबसे ऊपर है, लेकिन भाजपा सरकार बेशर्मी से अपने कुकर्मों पर पर्दा डालती रहती है. अखिलेश यादव ने कहा, ''भाजपा सरकार के लोग जब यह कहते हैं कि अपराधी प्रदेश छोड़कर भाग गए हैं, तो वह सच से मुंह मोड़ रहे होते हैं. 


दरअसल भाजपा सरकार में अपराधी कहीं नहीं गए हैं, उनका भाजपाईकरण हो गया है.'' उन्होंने दावा किया, ‘‘तमाम दबंगों, अपराधियों को सत्ता का संरक्षण मिला हुआ है. सरकार हर स्तर पर भेदभाव करती है.'' पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि जाति और धर्म देखकर सजाएं तय की जाती हैं. उन्होंने कहा कि सत्ता दल से जुड़े असामाजिक तत्वों को छूट मिलती है और विपक्षियों के घरों पर बुलडोजर की कार्रवाई में देर नहीं लगती है, इसीलिए अपराध की घटनाएं कम होने के बजाय लगातार बढ़ती जा रही हैं.