UP Politics: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की 'डीएनए' संबंधी टिप्पणी पर जवाब दिया. उन्होंने नाम लिए बिना ट्वीट कर कहा कि आरोप लगाने से पहले मुख्यमंत्री को 'डीएनए' का पूरा मतलब समझ लेना चाहिए. अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री का नाम लिए बिना कहा कि जो लोग ज्यादा बोलते हैं, उन्हें ज्यादा सुनना भी पड़ता है.


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सपा के 'डीएनए' में अराजकता और गुंडागर्दी


दरअसल, मंगलवार को योगी आदित्यनाथ ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि सपा के 'डीएनए' में अराजकता और गुंडागर्दी शामिल है, जिससे राज्य के लोगों के सामने पहचान का संकट पैदा हुआ है. इसके जवाब में यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "आरोप लगाने से पहले 'डीएनए' का मतलब समझ लेना चाहिए. डीएनए का मतलब है 'डीऑक्सी राइबोन्यूक्लिक एसिड'. वैसे जानते होते तो भी शायद ये बात नहीं बोलते."



अखिलेश यादव का सीएम योगी पर पलटवार


उन्होंने आगे कहा कि अरबों-करोड़ों रुपये में सांसद-विधायक की भर्ती करवाने वाले लोगों को कम बोलना ही बेहतर है. ज्यादा बोलने वालों को ही ज्यादा सुनना पड़ता है. इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को सपा पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि सपा के डीएनए में अराजकता और गुंडागर्दी शामिल है. जिससे राज्य में सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचा है. उन्होंने आरोप लगाया कि सपा शासन में हर नौकरी की नीलामी होती थी और राज्य में विकास कार्यों के बजाय लूट-खसोट का माहौल था.


करहल में सियासी जंग तेज


मुख्यमंत्री ने मैनपुरी जिले के करहल में 361 करोड़ रुपये से अधिक की 379 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इस दौरान उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव पर भी गंभीर आरोप लगाए. करहल विधानसभा सीट अखिलेश यादव के कन्नौज से सांसद बनने के बाद खाली हुई है. इस सीट पर जल्द ही उपचुनाव होना है.


मैनपुरी विकास में क्यों पिछड़ गया?


अपने संबोधन में योगी आदित्यनाथ ने सवाल किया कि मैनपुरी, जो कभी वीवीआईपी क्षेत्र माना जाता था, विकास में क्यों पिछड़ गया? उन्होंने सपा पर मैनपुरी को पहचान का मोहताज बनाने का आरोप लगाया. उन्होंने सपा के शासन में हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि सपा नेताओं का असली चेहरा कन्नौज में घटित घटनाओं और नवाब ब्रांड सपा के कार्यों में देखा जा सकता है.


नौकरियों की नीलामी और लूटखसोट का आरोप


मुख्यमंत्री ने सपा शासनकाल के दौरान नौकरियों की नीलामी और लूटखसोट के आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि 2017 से पहले हर नौकरी की बोली लगती थी. इसकी वसूली में अखिलेश यादव और शिवपाल यादव दोनों की भागीदारी होती थी. जब ज्यादा वसूली हो जाती थी तो चाचा को धकेलकर भतीजा अकेले ही भाग जाता था. आदित्यनाथ ने कहा कि सपा नेताओं ने मैनपुरी और इटावा की चिंता नहीं की, बल्कि अपनी सुरक्षा के लिए विदेशों में द्वीप खरीद लिए होंगे. उन्होंने लोगों से भाजपा के राष्ट्रवादी मिशन का हिस्सा बनने का आह्वान किया और कहा कि प्रदेशवासियों को सम्मान के साथ आगे बढ़ना चाहिए.


बुलडोजर में दिमाग नहीं बल्कि स्टीयरिंग होता है..


सीएम योगी ने बुधवार को अखिलेश यादव के उस बयान पर पलटवार किया कि जिसमें अखिलेश ने कहा था कि अगर सपा सत्ता में आई तो बुलडोजर का रुख गोरखपुर की ओर मोड़ दिया जाएगा. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बुलडोजर चलाने के लिए "दिल और दिमाग" दोनों की जरूरत होती है. अखिलेश यादव ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि बुलडोजर में दिमाग नहीं, बल्कि स्टीयरिंग होता है. उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश की जनता कब किसका स्टीयरिंग बदल दे, इसका कोई भरोसा नहीं."


(एजेंसी इनपुट के साथ)