Alert from Kanpur to Kashmir on Juma Prayer: आज शुक्रवार है इसलिए कानपुर में प्रशासन अलर्ट मोड पर हैं. जुमे की नमाज़ (Juma Prayer)  को देखते हुए पुलिस ने यहां सतर्कता बढ़ा दी है. बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद कानपुर में हिंसा भड़की थी वहीं कानपुर के अलावा यूपी के कई और जिलों में भी हालात बिगड़ गए थे. लिहाजा CM योगी की सरकार ने जुमे की नमाज़ को देखते हुए आज कड़ी निगरानी रखने के आदेश जारी किए हैं. 


कानपुर में हुई हिंसा की जांच जारी


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इस बीच कानपुर में हुई हिंसा की जांच लगातार जारी है. गिरफ़्तार आरोपियों की जांच के लिए 4 सदस्यीय टीम बना दी गई है. तो वहीं आज ही हिंसा के मुख्य आरोपी हयात जफर की रिमांड का समय खत्म हो रहा है. ठीक 7 दिन पहले कानपुर के बेकनगंज का हाल कुछ ऐसा था कि उपद्रवी भीड़ पत्थरबाज़ी कर रही थी. गाड़ियां तोड़ी जा रही थीं. CCTV कैमरे तोड़े जा रहे थे. तब हिंसा का एक पूरा सोचा समझा मॉडल सड़क पर दिखाई दे रहा था.


जुमे पर खास इंतजाम


लेकिन इस घटना के सात दिन बाद कानपुर को दोबारा ये तस्वीरें ना देखनी पड़ें इसके लिए तैयारियां तेज़ कर दी गई हैं. जुमे की नमाज़ को देखते हुए पूरे इलाक़े में धारा-144 लगा दी गई है. कानपुर को सुरक्षा के लिहाज से 5 जोन और 28 सेक्टरों में बांटा गया है. सड़क पर पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है. ड्रोन से गलियों और छतों की निगरानी हो रही है. धारा 144 अब 31 जुलाई तक लागू रहेगी.


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यूपी के 13 जिलों पर फोकस


पिछले शुक्रवार को हिंसा को देखते हुए योगी सरकार सिर्फ कानपुर ही नहीं बल्कि यूपी के कई शहरों को लेकर अलर्ट पर है . कानपुर हिंसा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने मुस्लिम बाहुल्य शहरों में सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किये हैं. सरकार ने राज्य के 13 शहरों में कडी निगरानी रखने के निर्देश जारी किए हैं.


इनमें लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, फैजाबाद, प्रयागराज, अलीगढ़, मुरादाबाद, बरेली, रामपुर, सहारनपुर, मेरठ, बिजनौर और बुलंदशहर शामिल हैं 
शुक्रवार को जुमे की नमाज को देखते हुए ये अलर्ट जारी किया गया है. प्रमुख मस्जिदों पर पुलिस बल तैनात हैं. मस्जिदों और उसके आसपास ड्रोन के ज़रिए नज़र रखी जा रही है. सभी जिलों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.


सोशल मीडिया की सघन निगरानी


इसके साथ ही सोशल मीडिया को लेकर भी निगरानी बरती जा रही है. साइबर सेल एक्टिव मोड में काम कर रही है. उधर कानपुर हिंसा मामले की जांच भी तेज़ी से जारी है. मामले में अब आरोपियों और निर्दोशों को लेकर बहस शुरू हो गई है. क्योंकि गिरफ़्तार लोगों के परिजनों ने पुलिस को कई सबूत दिए हैं जिनमें उन्होंने दावा किया है कि हिंसा के वक्त ये लोग मौजूद ही नहीं थे. 


दोषियों और निर्दोषों की जांच 


इस दावे की छानबीन के लिए अब 4 सदस्यों की टीम बनाई गई है जो गिरफ़्तार हुए लोगों में दोषियों और निर्दोषों की जांच करेंगे. इस बीच हयात जफ़र का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वो हूटर लगी गाड़ी में घूमता दिखाई दे रहा है. वीडियो में हयात ज़फ़र के साथ चार और लोग भी दिखाई दे रहे हैं.


कानपुर हिंसा का सच सामने आने में अभी और कितना समय लगेगा फिलहाल ये कहना मुश्किल है लेकिन पुलिस अपनी ओर से इस साज़िश के हर तार को तलाशने में जुटी हुई है. साथ ही पुलिस और प्रशासन पर इस बात की ज़िम्मेदारी बढ़ गई है कि कानपुर में दोबारा ऐसा ना हो.ऐसे में ज़रूरी है कि आरोपियों पर सख्त कार्रवाई हो.


कानपुर के बाद सुलगा कश्मीर


पैगंबर विवाद (Prophet Row) पर अब कानपुर के बाद जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के भद्रवाह (Bhaderwah) में तनाव बढ़ गया है. आपको बता दें कि डोडा (Doda) जिले के भद्रवाह शहर में मौलवी के भड़काऊ बयान और एक हिंदू युवक की आपत्तिजनक पोस्ट के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया है. अब हालात को कंट्रोल करने के लिए शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है. वहीं भारी तादाद में सुरक्षाबलों की तैनाती के साथ ही हालात संभालने के लिए सेना को बुलाया गया है.


मौलवी के भाषण से भड़के लोग


दरअसल जम्मू-कश्मीर की एक मस्जिद के मौलवी ने भड़काऊ भाषण दिया था, जिसे सुनने के लिए सैकड़ों लोग मस्जिद पहुंचे थे. इस भाषण में मौलवी ने पैगंबर (Prophet Row) के खिलाफ बोलने वालों की गर्दन काटने की धमकी दी थी. यह भड़काऊ भाषण सोशल मीडिया पर वायरल होते ही इलाके में अचानक तनाव बढ़ गया. हालात सामान्य रखने के लिए स्थानीय प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर मौजूद हैं. वहीं एहतियातन डोडा, किश्तवाड़ और रामबन जिले में इंटरनेट बंद कर दिया गया है. उपद्रव की आशंका वाले सभी इलाकों पर पैनी नजर रखी जा रही है.


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