Chinese Garlic: चीनी लहसुन तो नहीं खरीद रहे आप? इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूछा, बैन है तो मिल कैसे रहा
चीन दुनिया में लहसुन का बड़ा उत्पादक है. इलाहाबाद हाई कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में दावा किया गया है कि चीनी लहसुन कीटनाशकों और रसायनों का उपयोग करके पैदा किया जाता है और इससे कैंसर होने की आशंका रहती है. इस पर बैन है फिर भी यह बाजार में बिक रहा है.
बाजार में कई तरह के लहसुन मिल रहे हैं. दुकानदार आपको अलग-अलग राज्यों का बताकर बेचते होंगे लेकिन क्या आप जानते हैं संभव है कि आपके नजदीक वाली मार्केट में चीनी लहसुन भी बिक रहा हो. जी हां, इलाहाबाद हाई कोर्ट के सामने जब चीनी लहसुन दिखाया गया तो सभी हैरान रह गए. काफी पहले से इस पर बैन है. कोर्ट ने गंभीर सवाल किया कि तब ये मिल कैसे रहा है?
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के नामित अधिकारी को तलब किया. कोर्ट ने पूछा कि प्रतिबंधित 'चीनी लहसुन' अब भी बाजार में कैसे उपलब्ध है? न्यायालय की लखनऊ पीठ ने केंद्र के वकील से देश में ऐसी वस्तुओं के प्रवेश को रोकने के लिए मौजूद सटीक व्यवस्था के बारे में भी प्रश्न किया है और यह भी पूछा है कि इसके प्रवेश के स्रोत का पता लगाने के लिए क्या कोई कवायद की गई है.
आधा किलो चीनी लहसुन भी कोर्ट में...
न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति ओ पी शुक्ला की पीठ ने वकील मोतीलाल यादव द्वारा दायर जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि ‘चीनी लहसुन’ के हानिकारक प्रभावों के कारण देश में इस पर प्रतिबंध है. अदालत को बताया गया कि प्रतिबंध के बावजूद, लखनऊ सहित पूरे देश में ऐसा लहसुन आसानी से उपलब्ध है. याचिकाकर्ता ने अदालती कार्यवाही के दौरान न्यायाधीशों के समक्ष लगभग आधा किलो ‘चीनी लहसुन’ के साथ-साथ सामान्य लहसुन भी पेश किया था.
कुछ महीने पहले खबर आई थी कि भारत के बाजारों में लहसुन की कीमतें बढ़ने के बाद चीनी लहसुन की स्मगलिंग बढ़ गई. भारत सरकार ने इसे रोकने के लिए निगरानी बढ़ा दी थी. यहां तक कि स्निफर डॉग भी तैनात किए गए. सबसे ज्यादा आशंका नेपाल और बांग्लादेश के रास्ते भारत आने की थी. भारत ने काफी पहले 2014 में ही चीनी लहसुन के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था लेकिन यह अब भी देश में मिल रहा है. (भाषा से इनपुट के साथ)