नई दिल्लीः देश की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने खुफिया एजेंसियों के साथ बैठक की. गृह मंत्री की खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक काफी देर तक चली. सूत्रों ने बताया कि बैठक में अमित शाह ने मल्टी ऐजेंसी सेंटर (MAC) से जुड़े अधिकारियों के साथ कई मुद्दों पर चर्चा की.


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बैठक में कई एजेंसी के अधिकारी शामिल


खुफिया तंत्र को मजबूत करने और अहम खुफिया इनपुट को बेहतर तरीके से साझा करने को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को मल्टी एजेंसी सेंटर (MAC) के साथ बड़ी बैठक की. सूत्रों ने बताया कि इस हाई लेवल मीटिंग में रॉ, IB, मिलिट्री इंटेलीजेंस (MI), डिफेंस इंटेलीजेंस एजेंसी (DIA) और अर्धसैनिक बलों से जुड़े इंटेलीजेंस अधिकारी शामिल हुए.


क्या है MAC कब हुआ था गठन


1999 में करगिल की लड़ाई के बाद भारत सरकार ने सभी खुफिया एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल के लिए MAC का गठन किया था. MAC से जुड़ी सभी एजेंसिया अपने खुफिया इनपुट को इससे साझा करती हैं, जिसके बाद इनपुट की विवेचना कर आगे की करवाई की जाती है.


कई राज्यों के खुफिया तंत्र बेहद कमजोर


सुत्रो से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक केंद्रीय खुफिया एजेंसियां MAC से लगातार अपने इनपुट शेयर करती हैं, लेकिन राज्यों से खुफिया जानकारियां MAC के पास बहुत कम आती हैं. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ये है कि कई राज्यों का खुफिया तंत्र बेहद कमजोर है. यही वजह है कि केंद्र राज्यों के खुफिया तंत्र को मजबूत करना चाहता है.



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समस्याओं को देखते हुए बैठक


गृह मंत्री ऐसे वक्त में यह बैठक कर रहे हैं, जब देश मे  खालिस्तानी आतंक, आतंकी हमलों के खतरों और नार्थ ईस्ट में उग्रवाद की समस्या लगातार बड़ी समस्या बनी हुई है.


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