54 साल का युवा नेता.. जब संविधान का जिक्र करके अमित शाह ने राहुल पर ले ली चुटकी
Amit Shah in Parliament: गृहमंत्री ने कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति का भी आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए 50% आरक्षण सीमा तोड़ने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कांग्रेस से सवाल किया कि क्या वह मुस्लिम पर्सनल लॉ का समर्थन करती है.
Constitution Debate: भारत के संविधान की 75 साल की गौरवशाली यात्रा पर दो दिवसीय चर्चा के दौरान संसद में भाषणों का दौर जारी रहा. इसी कड़ी में सरकार का पक्ष रखते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर जोरदार निशाने साधे हैं. इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी पर भी चुटकी ली है. उन्होंने कहा कि हमारे संविधान को कभी भी अपरिवर्तनशील नहीं माना गया. अभी कुछ राजनेता आए हैं और 54 साल की आयु में अपने आप को युवा कहते हैं और घूमते रहते हैं कि संविधान बदल देंगे, संविधान बदल देंगे. मैं उनको कहना चाहता हूं कि संविधान के प्रावधानों को बदलने का प्रोविजन आर्टिकल-368 के अंदर संविधान में ही है. इतना सुनते ही संसद के अंदर ठहाके लगे.
असल में अमित शाह का ये निशाना राहुल गांधी की तरफ था. हालांकि इस दौरान राहुल गांधी राज्यसभा में मौजूद नहीं थे. उन्होंने कहा कि समय के साथ देश भी बदलना चाहिए, समय के साथ कानून भी बदलने चाहिए और समय के साथ समाज भी बदलना चाहिए. परिवर्तन इस जीवन का मंत्र है, सत्य है. इसको हमारे संविधान सभा ने स्वीकार किया था. इसलिए आर्टिकल-368 में संविधान संशोधन के लिए प्रोविजन किया गया था.
'संविधान विश्वास है, संविधान श्रद्धा'
इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि संविधान को लहराकर और झूठ बोलकर कुत्सित प्रयास कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने किया. संविधान लहराने और बहकाने का मुद्दा नहीं है, संविधान विश्वास है, संविधान श्रद्धा है. कांग्रेस पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी ने संविधान को एक परिवार की ‘निजी जागीर’ माना और संसद के साथ ‘धोखाधड़ी’ की. उन्होंने तुष्टिकरण की राजनीति के लिए भी कांग्रेस पर निशाना साधा और दावा किया कि मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए कांग्रेस 50 फीसदी आरक्षण की सीमा को तोड़ना चाहती है. उन्होंने कांग्रेस से पूछा कि क्या वह मुस्लिम पर्सनल लॉ का समर्थन करती है? साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए कभी काम नहीं किया.
नेहरू-गांधी परिवार पर हमला
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी को ईवीएम के खिलाफ झूठी अफवाहें फैलाना छोड़कर सत्ता में लौटने के लिए तुष्टिकरण और परिवारवाद की राजनीति के साथ ही भ्रष्टाचार की अपनी कारगुजारियों पर आंसू बहाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले 75 वर्षों में कांग्रेस ने संविधान के नाम पर धोखाधड़ी की उन्होंने नेहरू-गांधी परिवार न केवल पार्टी को अपनी निजी संपत्ति समझा, बल्कि संविधान को अपनी 'निजी जागीर' की तरह माना.
'कांग्रेस ने फायदे के लिए संविधान संशोधन किया'
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने सत्ता में बने रहने और अपने फायदे के लिए संविधान में संशोधन किया. केंद्रीय गृह मंत्री ने कांग्रेस पर आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगाया और कहा कि इसने पिछड़े वर्गों के लाभ के लिए कभी काम नहीं किया. प्रारंभ में उन्होंने कहा कि संविधान ने लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत किया है और सत्ता का हस्तांतरण खून की एक बूंद बहाए बिना होता है. शाह ने कांग्रेस द्वारा संविधान में किए गए कई संशोधनों का जिक्र करते हुए दावा किया कि पार्टी ने अपने फायदे के लिए ऐसा किया. उन्होंने दावा किया कि देश में पहले चुनाव से पहले ही जवाहरलाल नेहरू ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को रोकने के लिए पहला संविधान संशोधन किया.
'कोई संविधान कितना भी अच्छा हो वह...'
साथ ही उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने बहुत सोच समझकर कहा था कोई संविधान कितना भी अच्छा हो वह बुरा बन सकता है, अगर जिन लोगों पर उसको चलाने की जिम्मेदारी है, वह अच्छे ना हो. उन्होंने कहा कि उसी तरीके से कोई संविधान कितना भी बुरा हो वह अच्छा साबित हो सकता है, अगर उसे चलाने वालों की भूमिका सकारात्मक और अच्छी हो. उन्होंने कहा कि पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समय संविधान में पहला संशोधन किया गया और उसमें 19ए जोड़ा गया. उन्होंने कहा कि ये संशोधन अभिव्यक्ति की आजादी पर अंकुश लगाने के लिए किया गया. उन्होंने कहा कि इसी तरह 24वां संशोधन किया गया और इसके माध्यम से नागरिकों के मौलिक अधिकार कम कर दिए गए. एजेंसी इनपुट