नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सोमवार को दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम (Arun Jaitley Stadium) में पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) की प्रतिमा का अनावरण किया. इस मौके पर अमित शाह ने दिवंगत अरुण जेटली के साथ अपने रिश्ते का जिक्र किया और कहा कि अरुण जी की प्रतिमा का अनावरण कार्यक्रम है, इसलिए मैं मना नहीं कर सका.


ऊंगली पकड़कर संकट से बाहर निकाला: अमित शाह


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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए (Amit Shah) ने बताया कि जब वह संकट में थे, तब अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने ऊंगली पकड़कर उन्हें इससे बाहर निकाला था. उन्होंने कहा, 'मेरे जीवन में जब भी संकट आया तो बहुत सारे लोगों ने मेरी मदद की, मैं इससे ना नहीं कर सकता, लेकिन अरुण जेटली ने हर क्षण एक बड़े भाई की भूमिका निभाया और ऊंगली पकड़कर पूरे संकट से बाहर निकालने में अहम योगदान दिया. अगर मैं इसे सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं करूंगा तो मेरे लिए ये उचित नहीं होगा.'


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जहां भी जरूरत पड़ी, उन्होंने साथ दिया: गृह मंत्री


अमित शाह (Amit Shah) ने कहा, 'अरुण जेटली हमेशा पब्लिक परसेप्शन की चिंता करते थे, लेकिन मेरे केस में वह जरा भी नहीं डरे और पब्लिक परसेप्शन की चिंता किए बगैर कहा था कि तू सच्चा है और तुझे बाहर होना चाहिए. उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया और जहां जरूरत पड़ी सहारा दिया. वह मीडिया के सामने या संसद में भी खुलकर बोलने में पीछे नहीं हटे.'


मैं खुद को रोक नहीं पाया: अमित शाह


अमित शाह ने कहा कि जब कार्यक्रम शामिल होने के लिए रोहन जेटली का फोन आया तो मैं मना नहीं कर पाया. एक क्षण मेरे जेहन में आया था कि क्या इस प्रतिमा का अनावरण किसी क्रिकेटर से करवाना चाहिए? क्योंकि कार्यक्रम में सौरभ गांगुली और गौतम गंभीर आने वाले थे, लेकिन मैं अपने आपको रोक नहीं पाया. मुझे मोह हो गया कि जेटली (Arun Jaitley) की प्रतिमा का अनावरण है तो यह मौका मुझे ही लेना चाहिए. इसलिए मैंने तत्काल हां कर दिया.