नई दिल्ली: सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर हाल ही में एक इंटरव्यू में अभिनेता नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin shah) ने अनुपम खेर (Anupam Kher)  पर निशाना साधते हुए उन्हें 'जोकर' कहा था. अब खेर ने नसीरुद्दीन शाह को वीडियो ट्वीट कर करारा जवाब दिया है. अनुपम ने अपने जवाब में कहा कि मेरे खून में हिंदुस्तान है, बस इसको समझ जाइए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

खेर ने अपने ट्वीट में लिखा, "जनाब नसीरुदीन शाह साब के लिए मेरा प्यार भरा पैग़ाम!!! वो मुझसे बड़े हैं. उम्र में भी और तजुर्बे में भी. मैं हमेशा से उनकी कला की इज़्ज़त करता आया हूं और करता रहूंगा. पर कभी-कभी कुछ बातों का दो टूक जवाब देना बहुत ज़रूरी होता. ये है मेरा जवाब." 
 
खेर ने अपने वीडियो में कहा, "जनाब! नसीरुदीन शाह साब मेरे बारे में आपका दिया हुआ इंटरव्यू देखा. आपने मेरी तारीफ के बारे में बातें कहीं कि मैं क्लाउन हूं, मुझे सीरियसली नहीं लेना चाहिए. मैं साइकोफैन हूं. ये मेरे खून में है, वगैरह, वैगैरह. इस तारीफ के लिए शुक्रिया, पर मैं आपको और आपकी बातों को बिल्कुल भी सीरियसली नहीं लेता. हालांकि, मैंने कभी भी आपकी बुराई नहीं की. आपको भला बुरा नहीं कहा. अब जरूर कहना चाहूंगा कि आपने अपनी पूरी जिंदगी, इतनी कामयाबी मिलने के बावजूद फ्रस्टेशन में गुजारी है. अगर आप दिलीप कुमार, अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, शाहरुख खान और विराट कोहली को क्रिटिसाइज कर सकते हैं, तो आई एम श्योर, आई एम इन ग्रेट कंपनी."


 



 


उन्होंने आगे निशाना साधते हुए कहा, "और इनमें से किसी ने भी आपकी स्टेटमेंट को सीरियसली नहीं लिया क्योंकि हम सब जानते हैं कि आप नहीं, आप वर्षों से जिन पदार्थों का सेवन करते हैं, उनकी वजह से क्या सही है, क्या गलत है; आपको इसका अंतर ही पता नहीं लगता. मेरी बुराई करके अगर आप सुर्खियों में आते हैं तो मैं ये खुशी आपको भेंट करता हूं. भगवान आपको खुश रखे. आपका शुभचिंतक अनुपम. आप जानते हैं मेरे खून में क्या है? मेरे खून में है हिंदुस्तान. इसको समझ जाइए बस."


इस पूरे विवाद की शुरुआत हाल ही में नसीरुद्दीन शाह के एक इंटरव्यू से हुई. शाह ने सीएए और एनआरसी का विरोध करते हुए अनुपम खेर पर तीखा हमला बोला था. उन्होंने कहा था, 'अनुपम खेर इस मामले में काफी मुखर रहे हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि उन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए. वो एक जोकर हैं. एनएसडी और एफटीआईआई में उनके समकालीन रहे लोग उनके चापलूस स्वभाव के बारे में बता सकते हैं. ये चीज उनके खून में है और वे इसमें कुछ भी नहीं कर सकते लेकिन, बाकी लोग जो इनका समर्थन कर रहे हैं, उन्हें फैसला करना चाहिए कि वे आखिर किसका सपोर्ट कर रहे हैं."