काठमांडू: नक्शा विवाद की वजह से पिछले 6 महीने से तनाव का सामना कर रहे भारत-नेपाल के रिश्ते अब पटरी पर लौटते दिख रहे हैं. संबंधों को सामान्य करने की कड़ी में भारत के आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (General Manoj Mukund Narwane) अपने तीन दिवसीय दौरे पर बुधवार को नेपाल (Nepal) पहुंचे.



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तनाव के बाद नेपाल का दौरा करने वाले सर्वोच्च अधिकारी
अपने नेपाली समकक्ष जनरल पूर्ण चंद्र थापा के निमंत्रण पर नेपाल पहुंचे जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने  काठमांडू घाटी में सांस्कृतिक स्थलों का दौरा किया. सीमा विवाद के कारण दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध न्यूनतम स्तर पर पहुंचने के बाद नेपाल का दौरा करने वाले वे सर्वोच्च भारतीय अधिकारी हैं.


काठमांडू में कुमारी देवी की पूजा की
काठमांडू पहुंचने के बाद जनरल नरवणे और उनके प्रतिनिधिमंडल ने देवी कुमारी या जीवित देवी की पूजा करने के लिए बसंतपुर दरबार स्क्वायर क्षेत्र का दौरा भी किया. यह स्थल अपनी क्लासिक वास्तुकला के लिए जाना जाता है. इस दौरान उन्होंने पारंपरिक नेपाली टोपी पहनी, जिसे ढाका टोपी के नाम से जाना जाता है. उनके प्रतिनिधिमंडल ने प्रतिष्ठित हिंदू मंदिर पशुपतिनाथ मंदिर का भी दौरा किया. 


नेपाल सेना के मानद जनरल की उपाधि से विभूषित होंगे
कार्यक्रम के अनुसार, जनरल नरवणे को आज नेपाल सेना के जनरल पद की मानद रैंक से सम्मानित किया जाएगा. एक भव्य समारोह में राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी उन्हें यह सम्मान प्रदान करेंगी. दोनों देशों के बीच वर्ष 1950 से एक-दूसरे के आर्मी चीफ को सेना प्रमुख की मानद उपाधि देने की परंपरा रही है. इस उपाधि से सम्मानित होने वाले जनरल नरवणे भारत के 18वें सेना प्रमुख होंगे. 


शुक्रवार को नेपाल के स्टाफ कॉलेज की विजिट 
सम्मान समारोह के बाद दोनों देशों के सेना प्रमुख अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ द्विपक्षीय स्तर की वार्ता करेंगे. इस दौरान दोनों देशों के बीच सैन्य और सुरक्षा मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे. जनरल नरवणे शुक्रवार सुबह नेपाल सेना के शिवपुरी स्टाफ कॉलेज की विजिट करेंगे. इसके बाद वे यात्रा का समापन करने से पहले प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से मुलाकात करेंगे. 


रॉ चीफ ने तैयार किया था सेना प्रमुख की यात्रा का माहौल
बता दें कि आर्मी चीफ से पहले रॉ चीफ सामंत गोयल अपने 9 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पिछले महीने गोपनीय यात्रा पर नेपाल गए थे. इस दौरान रॉ चीफ ने पीएम केपी शर्मा ओली समेत वहां के प्रमुख नेताओं और अधिकारियों से कई दौर की वार्ताएं करके जनरल नरवणे की यात्रा की भूमिका तैयार की थी.


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पीएम ओली ने ईश्वर पोखरेल से रक्षा विभाग लेकर दिया सकारात्मक संकेत
इस यात्रा के बाद पीएम ओली ने भारत के खिलाफ कट्टर रूख रखने वाले उपप्रधानमंत्री ईश्वर पोखरेल से रक्षा विभाग वापस ले लिया था.  पीएम ओली के इस कदम को भारत के रक्षा हलकों में वार्ता शुरू करने के एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा गया था. 


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