सेना प्रमुख MM Naravane ने चीन को दी चेतावनी, देश को दिया आश्वासन ‘हमारे सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा’
सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की हरकतों का करारा जवाब दिया गया है और आगे भी दिया जाएगा. हम बातचीत और राजनीतिक उपायों के जरिए समस्या का समाधान चाहते हैं, लेकिन उकसावे की कार्रवाई का माकूल जवाब भी देंगे.
नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल नरवणे (General MM Naravane) ने शुक्रवार को लद्दाख हिंसा में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. सेना दिवस के अवसर पर बोलते हुए सेना प्रमुख ने कहा, ‘मैं भारत के लोगों को यह आश्वासन देना चाहता हूं कि गलवान घाटी (Galwan valley) में हमारे सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा’. जनरल नरवणे ने अपने इस बयान से चीन (China) को स्पष्ट संदेश दिया है कि उसे अपनी हरकतों से बाज आना चाहिए. वरना भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब देना जानती है. पिछले साल लद्दाख में हुई हिंसा में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे.
‘उकसावे पर शांत नहीं बैठेंगे’
सेना प्रमुख जनरल नरवणे (General MM Naravane) ने वार्षिक सेना दिवस परेड में पूर्वी लद्दाख गतिरोध पर बोलते हुए कहा कि हम बातचीत और राजनीतिक उपायों के जरिए समस्या का समाधान करने को प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की हरकतों का करारा जवाब दिया गया है और आगे भी दिया जाएगा. हम बातचीत और राजनीतिक उपायों के जरिए समस्या का समाधान चाहते हैं, लेकिन उकसावे की कार्रवाई का माकूल जवाब भी देंगे.
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बाज नहीं आ रहा Pakistan
पाकिस्तान का जिक्र करते हुए जनरल नरवणे ने कहा कि उसकी तरफ से लगातार आतंकवादियों का समर्थन किया जा रहा है. 300 से 400 आतंकी भारत में घुसपैठ की फिराक में बैठे हैं. सेना प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से संघर्ष विराम का उल्लंघन बढ़ गया है. पिछले साल ऐसी घटनाओं में 44 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई थी. इसके अलावा, ड्रोन और सुरंगों के माध्यम से हथियारों की तस्करी के प्रयासों में भी तेजी आई है. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना आतंकियों का सफाया करने के अभियान में लगी है. विभिन्न आतंकवाद-रोधी अभियानों में 200 से अधिक आतंकवादियों का सफाया किया जा चुका है.
UN मिशन में तैनात हैं 5300 सैनिक
सेना प्रमुख ने अपने भाषण में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में तैनात भारतीय सैनिकों की सराहना की. उन्होंने बताया कि दुनियाभर में संयुक्त राष्ट्र के मिशन में 5300 भारतीय सैनिक अपनी सेवाएं दे रहे हैं. साथ ही उन्होंने विद्रोही समूहों से निपटने के लिए भारत और म्यांमार की सेना के बीच चल रहे सहयोग को भी रेखांकित किया. बता दें कि लद्दाख हिंसा के बाद से भारत और चीन में तनाव बढ़ गया है. दोनों देशों में विवाद के शांतिपूर्ण हल के लिया कई राउंड की बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम निकलकर सामने नहीं आया है.