Bihar News: बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार को विपक्षी नेताओं की बैठक हुई, जिसमें 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का विजय रथ रोकने समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई. इस बैठक में 15 पार्टियों के 30 नेता शामिल हुए, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, मल्लिकार्जुन खड़गे, ममता बनर्जी, उमर अब्दुल्ला, अरविंद केजरीवाल शामिल हैं. बैठक खत्म होने के बाद एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल नजर नहीं आए. लेकिन आम आदमी पार्टी की ओर से एक बयान जारी किया गया. 


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बयान में केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन की मांग की गई है. आप ने कहा कि कांग्रेस ने अब तक अध्यादेश के मुद्दे पर रुख साफ नहीं किया है. उसे टीम प्लेयर बनने में एक हिचक है खासकर ऐसे जरूरी मुद्दे पर भी. इस कारण से आम आदमी पार्टी का ऐसे गठबंधन का हिस्सा बनना मुश्किल हो जाएगा, जिसमें कांग्रेस भी शामिल है. जब तक कांग्रेस सार्वजनिक रूप से काले अध्यादेश की निंदा नहीं करती और घोषणा नहीं करती कि उसके सभी 31 राज्यसभा सांसद राज्यसभा में अध्यादेश का विरोध करेंगे, AAP के लिए समान विचारधारा वाले दलों की भविष्य की बैठकों में भाग लेना मुश्किल होगा जहां कांग्रेस भागीदार है.


अब्दुल्ला ने 370 पर मांगा समर्थन


दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने 370 पर समर्थन मांगा. उन्होंने कहा, इतने लोगों को इकट्ठा करना छोटी बात नहीं है. हमारा मकसद ताकत हासिल करना नहीं है. यह उसूलों, विचारधारा, सोच, इरादों की लड़ाई है. मैं और महबूबा मुफ्ती इस मुल्क के ऐसे बदनसीब इलाके से ताल्लुक़ रखते हैं जहां लोकतंत्र का दिनदहाड़े कत्ल किया जा रहा है. वज़ीर-ए-आज़म को व्हाइट हाउस में लोकतंत्र की बात करते हुए अच्छा लगा लेकिन यह लोकतंत्र जम्मू-कश्मीर तक क्यों नहीं पहुंचता?


जबकि बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा,  पटना में जो बैठक हुआ है वो अच्छा हुआ है. हमने तीन चीज पर जोर दिया है-हम लोग एक है, हम लोग एक साथ लड़ेंगे, अगली बैठक शिमला में होगी. बीजेपी चाहती है कि इतिहास बदला जाए और हम चाहते हैं कि बिहार से इतिहास बचाया जाए.