अगर RSS मानता है कि लिंचिंग हो रही है तो यह करवा कौन रहा है? Asaduddin Owaisi का भागवत पर पलटवार
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) पर पलटवार किया है. उन्होंने सवाल किया है कि क्या लिंचिंग करने वालों का RSS विरोध करेगा?
नई दिल्ली: एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के लिंचिंग को लेकर दिए गए बयान पर सवाल खड़े किए गए हैं. ओवैसी ने सवाल किया है कि आरएसएस प्रमुख यदि मानते हैं कि लिंचिंग हो रही है तो यह करवा कौन रहा है?
'लिंचिंग करने वालों का RSS विरोध करेगा?'
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा, 'हम मोहन भागवत जी से पूछना चाहते हैं की मेजोरिटी कम्युनिटी में आरएसएस (RSS) की वजह से कट्टरता बढ़ चुकी है तो क्या जिन लोगों की लिंचिंग की गई, उनको जिन्होंने मारा उनका आरएसएस विरोध करेगा. अगर आरएसएस मानती है लिंचिंग हो रही है तो यह करवा कौन रहा है?
'हिंदुत्व एकता की बात नहीं करता'
ओवैसी ने सवाल किया, अगर वह आरएसएस प्रमुख वाकई लिंचिंग को बीमारी समझते हैं तो उनको इसे अस्वीकार करना पड़ेगा. एकता की बात भारत का संविशन करता है. हिंदुत्व एकता की बात नहीं करता. उन्होंने कहा, यह लोग मुसलामनों को गली देते हैं लेकिन पुलिस कोई एक्शन नहीं लेती. यह सिर्फ बोलने की बात करते हैं, जनता की आंख में धूल झोंकी जा रही है. जमीन पर कुछ नहीं हो रहा है.
क्या कहा था भागवत ने
बता दें, रविवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा, सभी भारतीयों का डीएनए (DNA) एक है, चाहे वे किसी भी धर्म के हों. साथ ही उन्होंने कहा था, हिंदू-मुस्लिम एकता भ्रामक है क्योंकि वे अलग-अलग नहीं, बल्कि एक हैं. पूजा करने के तरीके के आधार पर लोगों में भेद नहीं किया जा सकता.
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'एकता से ही विकास संभव'
इसी दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मोब लिंचिंग पर बोलते हुए कहा, भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की जाने वाली हत्या (लिंचिंग) में शामिल होने वाले लोग हिंदुत्व के विरुद्ध हैं. देश में एकता के बिना विकास संभव नहीं. एकता का आधार राष्ट्रवाद और पूर्वजों की महिमा होनी चाहिये. मोहन भागवत ने कहा, हम लोकतांत्रिक देश में रहते हैं. यहां हिंदू या मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता. केवल भारतीयों का प्रभुत्व हो सकता है. उन्होंने कहा, अल्पसंख्यक के मन में डर बैठा दिया गया है कि आप हिन्दू राष्ट्र में रहोगे तो मुश्किल है जो गलत है.
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