2024 Elections: गेम चेंजर साबित होंगी ममता, आसनसोल जीतने के बाद बोले शत्रुघ्न सिन्हा
TMC MP Shatrughan Sinha: आसनसोल लोक सभा सीट को TMC के टिकट पर 3 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीतने के एक दिन बाद शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) ने कहा कि पार्टी की प्रमुख ममता बनर्जी 2024 के आम चुनाव में `गेम-चेंजर` साबित होंगी.
Asansol by Election winner Shatrughan Sinha: तृणमूल कांग्रेस (TMC) के टिकट पर आसनसोल लोक सभा सीट (Asansol by Election) तीन लाख से अधिक मतों के अंतर से जीतने के एक दिन बाद शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) ने कहा कि पार्टी की प्रमुख ममता बनर्जी 2024 के आम चुनाव में 'गेम-चेंजर' साबित होंगी.
ममता बनर्जी को दिया जीत का श्रेय
अभिनेता से नेता बने सिन्हा ने रविवार को कहा कि आसनसोल लोक सभा सीट पर हुए उपचुनाव में रिकॉर्ड अंतर से उनकी जीत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व की वजह से हुई है. सिन्हा ने कहा कि वह तृणमूल कांग्रेस (TMC) के साथ 'एक नई और सबसे अच्छी पारी' शुरू करने को लेकर उत्साहित हैं.
ऐसा है सिन्हा का राजनीतिक सफर
बता दें कि 'शॉटगन सिन्हा' के नाम से मशहूर शत्रुघ्न सिन्हा ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ अपनी राजनीतिक पारी शुरू की थी लेकिन 2019 के लोक सभा चुनाव से पहले वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे और अब TMC उम्मीदवार के रूप में पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोक सभा सीट से जीते हैं. सिन्हा ने कहा कि अब उन्हें सही दिशा मिल गई है. पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के लोक सभा की सदस्यता और साथ ही भाजपा से इस्तीफे के कारण आसनसोल में उपचुनाव कराना पड़ा. सुप्रियो ने खुद टीएमसी के टिकट पर बालीगंज विधान सभा सीट से उपचुनाव जीता है.
जीत में 'खेला होबे' की अहम भूमिका
सिन्हा ने कहा कि भाजपा द्वारा ‘धनशक्ति’ और सत्ता का दुरुपयोग किए जाने के बावजूद, आसनसोल की जीत ममता बनर्जी के सक्षम नेतृत्व और टीएमसी नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा की गई कड़ी मेहनत के कारण है जिसे 2021 के बंगाल चुनाव में भाजपा को शिकस्त देने के ममता के 'खेला होबे' के विस्तार के रूप में देखा जा सकता है.
ऐसा है आसनसोल सीट का इतिहास
ममता बनर्जी ने आसनसोल में TMC उम्मीदवार के रूप में सिन्हा पर दांव लगाया और यह सीट पहली बार उनकी पार्टी को मिली है. 1957 से 1967 के बीच आसनसोल लोक सभा सीट कांग्रेस के पास रही. 1967 से 1971 तक यह सीट संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के पास थी जबकि 1971 से 1980 तक माकपा ने इस सीट पर कब्जा रखा. 1980 से 1989 तक यह सीट कांग्रेस के कब्जे में रही जबकि 1989 से 2014 तक यह फिर माकपा के पास रही.
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वर्ष 2014 में पहली बार यहां पर भाजपा के टिकट पर बाबुल सुप्रियो ने विजय पताका फहराई और इसके बाद 2019 में भी उन्होंने अपनी जीत बरकरार रखी. यह सीट सुप्रियो के लोक सभा की सदस्यता और भाजपा से इस्तीफा देने के बाद रिक्त हुई थी तथा उपचुनाव में पहली बार टीएमसी को जीत मिली.
इतने अंतर से जीती सीट
सिन्हा ने भाजपा की अग्निमित्रा पॉल को 3,03,209 मतों के भारी अंतर से हराकर TMC के लिए आसनसोल का किला फतह कर लिया. उनकी जीत का अंतर बाबुल सुप्रियो की तुलना में बहुत अधिक है, जिन्होंने 2019 के आम चुनाव में फिल्म अभिनेत्री और टीएमसी उम्मीदवार मुनमुन सेन को 1,97,000 वोट से हराकर सीट हासिल की थी.
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