गुवाहाटी: नागरिकता (संशोधन) कानून (Citizenship Amendment Act) के खिलाफ पूर्वोत्तर के राज्य असम में हिंसक विरोध प्रदर्शन देखा गया. राज्य सरकार के मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दलों पर हिंसा फैलाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि गुवाहाटी के शंकरदेव कलाक्षेत्र में उपद्रव की जब हमने जांच की, तो हमें उसमें एक कांग्रेस कार्यकर्ता की संलिप्तता मिली.


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सरमा ने कहा, गुवाहाटी की हिंसा में हमने एक विशिष्ट पैटर्न देखा है. इसमें ऐसे लोगों की भारी भागीदारी रही जो गुवाहाटी के नागरिक नहीं हैं और जो निचले असम के जिलों से आए हैं. मंत्री ने कहा कि क्या वे आंदोलन में भाग लेने के लिए आए हैं या उन्हें किसी तरह के मंसूबे के तहत यहां लाया गया है. इस मामले की सरकार द्वारा जांच करवाई जाएगी. एक-दो दिन में एक जांच दल की घोषणा भी कर दी जाएगी.
 
देश में ओवैसी जैसे लोग नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं: बीजेपी

दिन में कर्फ्यू नहीं रहेगा
बीजेपी नेता ने जानकारी दी कि गुवाहाटी में हमने कर्फ्यू हटा लिया है और अब दिन के समय में कर्फ्यू नहीं रहेगा. हालांकि, जब तक हम हालात की पूरी तरह समीक्षा नहीं कर लेते, तब तक रात का कर्फ्यू लगा रहेगा. उन्होंने बताया कि पूरे असम में हिंसा और अन्य संबंधित अपराधों के 136 मामले दर्ज किए गए हैं. अब तक पुलिस ने गुवाहाटी और पूरे राज्य में हाल ही में हुई घटनाओं के सिलसिले में 190 लोगों को गिरफ्तार किया है.


गुवाहाटी में ही होगा शिखर सम्मेलन
असम की सर्बानंद सोनोवाल सरकार में अहम मंत्रालय संभाल रहे सरमा ने कहा, प्रदर्शन के चलते भारत-जापान शिखर सम्मेलन स्थगित कर दिया गया है, लेकिन यह गुवाहाटी में ही होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फैसला किया है कि गुवाहाटी से कार्यक्रम स्थल को स्थानांतरित नहीं किया जाएगा, लेकिन तारीख बदली जा सकती है. पीएम की व्यक्तिगत रूचि है कि यह सम्मेलन  गुवाहाटी में ही होना चाहिए.