Assam News: असम के गोलपारा जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत आवंटित एक घर में स्थापित 'मिया’ संग्रहालय को मंगलवार को सील कर दिया गया और इसके मालिक को हिरासत में ले लिया गया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. यह संग्रहालय रविवार को आम लोगों के लिए खोला गया था.


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मिया असम मिया परिषद के अध्यक्ष मोहर अली ने पीएमएवाई के तहत उन्हें आवंटित घर के परिसर में संग्रहालय की स्थापना की थी.  सरकारी अधिकारियों की टीम ने लखीउर थाना क्षेत्र के दपकाभिता स्थित संग्रहालय को सील कर नोटिस चस्पा कर दिया है कि उपायुक्त के आदेश पर ऐसा किया गया है.


बीजेपी नेताओं ने की थी संग्रहालय को बंद करने की मांग
बता दें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवंटित एक घर में संग्रहालय के उद्घाटन के कारण बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने इसे तत्काल बंद करने की मांग की थी. भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के सदस्य अब्दुर रहीम जिब्रान ने घर में संग्रहालय बनाने के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.


खेती और मछली पकड़ने में काम आने वाले कुछ औजारों और लुंगी आदि को संग्रहालय में प्रदर्शित किया गया था. अली ने दावा किया कि ये वस्तुएं 'मिया' समुदाय की पहचान हैं. बता दें असम में, 'मिया' शब्द उन बांग्ला भाषी प्रवासियों के लिए प्रयोग किया जाता है जिनकी जड़ें बांग्लादेश से जुड़ी हैं.


अली को हिरासत में लिया गया
अली अपने दो नाबालिग बेटों के साथ संग्रहालय को फिर से खोलने की मांग को लेकर घर के बाहर धरने पर बैठ गए. अली ने कहा, "हम उन वस्तुओं को प्रदर्शित कर रहे हैं जिनके साथ समुदाय खुद की पहचान करता है ताकि अन्य समुदायों के लोग महसूस कर सकें कि मिया उनसे अलग नहीं हैं." बाद में पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया.


मुख्यमंत्री ने कही यह बात
इससे पहले दिन में, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि मिया समुदाय के कुछ सदस्यों द्वारा इस तरह की गतिविधियों ने "असमिया पहचान" के लिए खतरा पैदा कर दिया है. उन्होंने कहा, “वे (मिया समुदाय) कैसे दावा कर सकते हैं कि हल ही उनकी पहचान है? इसका उपयोग राज्य के सभी किसान सदियों से करते आ रहे हैं. यह केवल लुंगी है जिसे वे अपना दावा कर सकते हैं.” उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने संग्रहालय स्थापित किया है, उन्हें विशेषज्ञ समिति को जवाब देना होगा कि किस आधार पर दावे किए गए.


मिया संग्रहालय की स्थापना का प्रस्ताव सबसे पहले कांग्रेस के पूर्व विधायक शर्मन अली अहमद ने 2020 में दिया था. हालांकि सरमा ने अहमद के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था.



(इनपुट - एजेंसी)


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