Atiq Ahmed Murder Case: अस्पताल नहीं कोर्ट में था अतीक-अशरफ को मारने का प्लान, दिल्ली के इस गैंग ने पहुंचाए थे हथियार; पूछताछ में बड़ा खुलासा
Atiq Ahmed Murder Case Updates: माफिया सरगना अतीक अहमद और अशरफ अहमद की हत्या अस्पताल में नहीं बल्कि एक दिन पहले कोर्ट परिसर में होनी थी. इसके लिए दिल्ली के नामी गैंग ने आरोपियों को हथियार भी पहुंचा दिए थे लेकिन उस दिन हमलावरों को मौका नहीं मिल पाया.
Atiq Ahmed Ashraf Ahmed Murder Case Latest Updates: माफिया सरगना अतीक अहमद और उसके छोटे भाई अशरफ अहमद को पुलिस सुरक्षा के बावजूद गोलियों से उड़ा देने वाले तीनों हमलावरों से पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी है. रिमांड के दौरान हत्यारोपी सनी ने बताया कि उन्होंने 14 अप्रैल को कोर्ट में ही दोनों माफिया ब्रदर्स के खात्मे का प्लान बनाया था लेकिन उस दिन मौका नहीं मिल पाया. इसके बाद अगले दिन 15 अप्रैल को दिन में कॉल्विन अस्पताल की रेकी की. इसकी वजह ये थी कि दोनों माफियाओं का मेडिकल करवाने के लिए पुलिस टीम देर-सबेर इसी अस्पताल में ही लेकर आती. इसलिए वहां पर दोनों को मारने का बेहतर मौका मिल सकता था.
दिल्ली के इस गैंग से मिले थे हथियार
पूछताछ के दौरान सनी ने बताया कि इस हत्याकांड (Atiq Ahmed Murder Case) के लिए उन्हें तुर्की मेड आधुनिक हथियार दिल्ली के 'जितेंद्र गोगी' गिरोह के संपर्क से मिले थे. आरोपी सनी के मुताबिक प्लान एकदम क्लियर था. कॉल्विन अस्पताल में अतीक-अशरफ के मर्डर के तुरंत बाद भागने के बजाय सरेंडर कर देना है. इसकी वजह ये है कि भागने की कोशिश करने या पुलिस पर गोली चलाने की स्थिति में उनके भी जीवित बचने की कोई उम्मीद नहीं थी. यही वजह थी कि शूटआउट के तुरंत बाद उन्होंने सरेंडर कर दिया.
कोर्ट में सरेआम मर्डर का था प्लान
सनी ने बताया कि वे तीनों बस के जरिए 13 अप्रैल को लखनऊ से प्रयागराज पहुंचे थे. उनका प्लान 14 अप्रैल को ही कोर्ट में दोनों का मर्डर (Atiq Ahmed Murder Case) कर देने का था. इसके लिए वे कॉल्विन अस्पताल से डेढ़ किमी दूर एक होटल में रुके थे. इसके बाद 15 अप्रैल को दिन में कॉल्विन अस्पताल की रेकी की और उसी रात अतीक- अशरफ की हत्या कर दी गई है. इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए उन्होंने दो नए मोबाइल फोन खरीदे. हालांकि उन फोन को चलाने के लिए वे सिमकार्ड के लिए फर्जी आईडी नहीं जुटा पाए. NCR कनेक्शन के चलते चैनल की आईडी, बड़ा कैमरा और आई कार्ड उन्होंने आसानी से अरेंज कर लिया था.
अतीक ने बेटे असद को दी थी ये हिदायत
वहीं उमेश पाल की हत्या मामले में नया खुलासा हुआ है. माफिया सरगना अतीक अहमद (Atiq Ahmed Murder Case) ने मारे जाने से पहले पुलिस पूछताछ में कबूल किया था कि उसने ही ये हत्या करवाई थी. हालांकि उसने असद को कहा था, 'तुम बाहर मत निकलना और गाड़ी में ही रहना. अंदर बैठे रहकर देखना कि काम हो जाए.असद को बोला था कि तुम सीधे गोली मत चलाना. ये काम शूटर्स को करने देना ताकि बाद मे खौफ भी बना रहे और तुम गद्दी संभाल सको.'
गुड्डू मुस्लिम असद को बाहर निकलने के लिए उकसाया
अतीक (Atiq Ahmed Murder Case) ने बताया, 'बाहर रहकर असद ने उस वक़्त मेरी बात पर हां कर दिया था लेकिन मेरे मुखबिरों ने बताया कि असद को गाड़ी से गुड्डू मुस्लिम ने उतरने के लिए कहा था. गुड्डू मुस्लिम ने ऐन मौके पर असद को गाड़ी से उतर कर खुद गोली चलाने के लिए कहा था. गुड्डू मुस्लिम ने कहा था कि शेर के बच्चे हो ऐसा दहलाओ इलाहाबाद जैसा भाई ने दहलाया था. इसी के बाद असद ने गाड़ी से उतर कर बंदूक लोड की थी, जबकि सभी शूटर्स पहले से ही गन लोड किए हुए थे.'
शाइस्ता परवीन का अब तक नहीं लग पाया है सुराग
उधर उमेश पाल हत्याकांड के बाद से लगातार फरार चल रही शाइस्ता परवीन का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है. पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए बुधवार को कौशांबी जिले के कछार इलाकों में तलाशी अभियान चलाया. सूत्रों की माने तो पुलिस को जानकारी मिली है कि कछार इलाकों में शाहिस्ता और साबिर मौजूद हैं. यही कारण है कि कौशांबी जिले के पुलिस के आला अधिकारी भारी फोर्स के साथ कछार इलाके में शाहिस्ता और शाबिर की तलाश कर रहे हैं. पुलिस ड्रोन के माध्यम से इलाके में नजर रख रही है.
'अतीक से ज्यादा उसके गुर्गे हो गए हैं बड़े'
वहीं अतीक-अशरफ (Atiq Ahmed Murder Case) के खात्मे के बाद प्रयागराज की विधायक पूजा पाल ने जी न्यूज से खास बात की. अतीक ने पूजा पाल के पति राजू पाल की दौड़ा दौड़ा कर हत्या कर दी थी. घटना के वक्त पूजा और राजू पाल की शादी को 9 दिन ही हुए थे. इसके बाद से पूजा पाल पिछले 18 साल से अतीक-अशरफ को सजा दिलाने के लिए लड़ाई लड़ रही हैं. पूजा पाल का कहना है कि अतीक से लड़ना आसान नहीं था. हमे रोकने की बहुत कोशिश की गई, काफी परेशान किया गया. लेकिन उसने जैसा किया, वैसा ही भरा. पूजा पाल कहती हैं कि आज के तारीख में अतीक से ज्यादा उसके गुर्गे बड़े हो गए है. उन गुर्गे पर नजर रखने की जरूरत है, तभी प्रयागराज में शांति होगी.
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