Atiq Ahmed Murder Case: यूपी में अतीक अशरफ की हत्या का असर निकाय चुनाव में भी दिखने लगा है.बीजेपी ने अतीक-अशरफ हत्याकांड को भुनाना शुरू कर दिया है तो दूसरी तरफ विपक्ष को बीजेपी के इस कार्ड का कोई तोड़ नहीं दिख रहा, लिहाजा विपक्ष का सारा जोर भाईचारे में सिमट कर रह गया है. यूपी में निकाय चुनाव है. इसलिए इसे 2024 के रिहर्सल के तौर पर भी देखा जा रहा है. अतीक और अशरफ मारे जा चुके हैं. सीएम योगी ने जो कहा था, वो कर दिखाया है.माफिया राज मिट्टी में मिल चुका है.


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यूपी में होने वाले निकाय चुनाव में अतीक अशरफ हत्याकांड की अहमियत समझिए.एक तरफ बीजेपी ने अतीक अशरफ हत्याकांड को मुद्दा बनाकर विरोधियों को चुनौती दे रही.तो दूसरी तरफ विपक्ष अतीक जैसे माफिया की हत्या पर भी हिंदू मुसलमान करने से बाज नहीं आ रहा. इसी बीच जेल में बंद अतीक के दूसरे बेटे अली का एक पत्र वायरल हुआ, जिसमें वो विक्टिम कार्ड खेलता देख रहा और मुसलमानों से बीजेपी और अखिलेश से बचने की नसीहत दे रहा है. योगी की माफिया मिटाओ कसम विरोधियों के लिए भारी पड़ रही है. सीएम योगी अपनी रैलियों में लगातार माफिया को निशाना बना रहे हैं.


विपक्ष चल रहा मजहबी दांव


साल 2017 से पहले पार्टी विशेष के लोग तमंचा लेकर घूमते थे, व्यापारियों से वसूली करते थे, आज तमंचा नहीं युवाओं के हाथ में टैबलेट दिए जा रहे हैं. पहले कोई भी व्यक्ति गरीब की झोपड़ी पर कब्जा कर लेता था. आज माफिया किस स्थित में हैं ये देख ही रहे हैं. आज गरीब को ढाई लाख रुपये देकर उसकी झोपड़ी को मकान में तब्दील करवाया जा रहा है.


दूसरी तरफ विपक्ष शुरू से ही अतीक और अशरफ हत्याकांड को लेकर मजहबी दांव चलने में जुटा है. पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने धर्म देखकर एनकाउंटर का आरोप लगाया.


अतीक और अशरफ की हत्या की गूंज अभी दूर तलक जाएगी.यूपी के लिए लॉ एंड ऑर्डर सबसे बड़ा मुद्दा रहा है और इसमें कोई दो राय नहीं कि बीजेपी ने बढ़त हासिल कर ली है. अगर 2024 में लोकसभा चुनाव है तो यूपी में इस बार का निकाय चुनाव किसी रिहर्सल से कम नहीं. 


अतीक के बेटे का लेटर वायरल


वहीं सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि वह विकास, नाली-सड़क की बात नहीं केवल तमंचे की बात करती है. कोई भी सवाल करो तो कहती है तमंचा एनकाउंटर जाति धर्म देखकर किए जा रहे हैं. बीजेपी ने अपने पुराने एक भी वादे को पूरा नहीं किया एक भी स्मार्ट सिटी नहीं बनाई.


इसके अलावा, माफिया अतीक के बेटे अली अहमद का एक लेटर वायरल हुआ है, जिसमें अतीक के नाम पर मुसलमानों के लिए पैगाम लिखा है. इसमें लिखा है कि अतीक और अशरफ की हत्या के लिए बीजेपी जिम्मेदार है और समाजवादी भी कम जिम्मेदार नहीं. पत्र में किसी दल का समर्थन तो नहीं किया गया है लेकिन सपा और बीजेपी का विरोध का जिक्र किया गया है. माना जा रहा है कि पत्र के जरिए बीएसपी के समर्थन में मतदान का आह्वान किया गया है.