बैरक में सन्नाटा, किसी से मिलने पर रोक, जानें साबरमती जेल में कैसे रहता है अतीक अहमद
Atique Ahmed routine in Sabarmati Jail: बैरक से बाहर आने के लिए उसे जेल प्रशासन से अलग से इजाजत लेनी होती है. इसके अलावा जब उससे मिलने के लिए कोई आता है तब उसे बाहर आने की अनुमति होती है. जेल से बाहर आते ही उसके गुर्गे हमला न कर पाएं इसके लिए कोर्ट की सुनवाई भी उसकी जेल से ही होती है.
पूर्व बसपा विधायक राजू पाल हत्या मामले में अतीक अहमद गुजरात की साबरमती जेल में सजा काट रहा है. उस पर उमेश पाल की हत्या का भी आरोप है. जानकारी के मुताबिक यूपी पुलिस जल्द ही उसे इस मामले में पूछताछ के लिए बुला सकती है. उसे इनवेस्टीगेशन के लिए उत्तर प्रदेश भी लाया जा सकता है. हालांकि, उसने जेल न बदले जाने की गुहार लगा चुका है. 2019 के जून महीने से जेल में बंद अतीक अहमद को डर है कि यूपी में उसके साथ कुछ हो जाएगा.
अतीक अहमद को सबरमती जेल के हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया है. जहां पर उसकी हरकतों और रहन-सहन पर कड़ी निगरानी रखी जाती है. साथ ही उसे जेल की बैरक में कड़े नियमों का पालन करना होता है. उसे जेल में बंद कैदियों की भीड़ से बिलकुल अलग और एकांत में रखा गया है.
पूरे दिन वो अकेले ही रहता है. जेल के लोग भी उससे कम ही मिल पाते हैं. उससे वो ही शख्स मिलता है जिसकी वहां पर ड्यूटी होती है. इसके अलावा जेल के उसके बैरक में परिंदा भी पर नहीं मारता. खूंखार किस्म का होने की वजह से भी उसे लोगों से दूर रखा गया है. उसे अन्य कैदियों से मिलने, बात करने और उनके साथ किसी भी क्रिया को करने पर मनाही है. वो कई-कई हफ्तों तक जेल के अंदर ही रहता है.
बैरक से बाहर आने के लिए उसे जेल प्रशासन से अलग से इजाजत लेनी होती है. इसके अलावा जब उससे मिलने के लिए कोई आता है तब उसे बाहर आने की अनुमति होती है. जेल से बाहर आते ही उसके गुर्गे हमला न कर पाएं इसके लिए कोर्ट की सुनवाई भी उसकी जेल से ही होती है. उसे वहीं से कोर्ट में पेश करवाया जाता है. उसके बैरक के अंदर ही घूमने-फिरने की व्यवस्था की गई है. हालांकि, किसी इमरजेंसी या जरूरत की स्थिति में वो बैरक के बाहर मौजूद कर्मचारी से बात कर सकता है.
हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - सबसे पहले, सबसे आगे