नई दिल्ली: दुनिया के लिए चीन (China) की विस्तारवादी नीतियां लगातार चिंता का सबब बनी हुई हैं. इसे लेकर क्वाड (Quad) समेत दक्षिण पूर्वी एशियाई देश लगातार फिक्रमंद हैं और 'ड्रैगन' पर लगाम लगाने के उपाय तलाश रहे हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इसी बीच क्वाड के 2 बड़े देशों भारत और ऑस्ट्रेलिया (India Australia) ने चीन (China) की कमजोर नस ढूंढ ली है. वह कमजोर नस है, चीन की विशाल आर्थिक शक्ति. चीन में दुनियाभर की बड़ी कंपनियों के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं. जिनमें भारी मात्रा में विभिन्न वस्तुओं का निर्माण किया जाता है. इसके बाद उन वस्तुओं को सस्ती दरों पर दुनिया के दूसरे देशों को बेचकर चीन भारी मुनाफा कमाता है. 


भारत और ऑस्ट्रेलिया ने पहचान ली चीन की कमजोर नस


इस कमाई से हासिल पैसों के बल पर वह हर साल अपने रक्षा बजट को बढ़ाता जा रहा है, जिसका मुकाबला करना दुनिया के दूसरे देशों के लिए मुश्किल हो रहा है. इन पैसों के बल पर चीन (China) लगातार खतरनाक हथियारों के निर्माण और अपनी तीनों सेनाओं के विस्तार के काम में लगा है. भारत और ऑस्ट्रेलिया ने वार्ताओं के 10 साल के लंबे दौर के बाद चीन की इसी कमजोर नस पर वार करने का फैसला किया है.


ऑनलाइन समारोह में समझौते पर किए हस्ताक्षर


दोनों देशों ने शनिवार को आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौते (India-Australia Trade Agreement) पर हस्ताक्षर किए. ऑनलाइन हुए इस समारोह में भारत के वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ऑस्ट्रेलिया के व्यापार, पर्यटन व निवेश मंत्री डैन टेहन ने समझौते पर हस्ताक्षर किए. समझौते की अहमियत इसी बात से आंकी जा सकती है कि पीएम नरेंद्र मोदी और (Narendra Modi) और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन भी कार्यक्रम में मौजूद रहे.


ये भी पढ़ें- गोरखनाथ मंदिर के सुरक्षाकर्मियों पर हमला, ADG ने कहां आतंकी एंगल से इनकार नहीं


चीन पर सामानों की निर्भरता कम करेंगे दोनों देश


समझौते के तहत भारत और ऑस्ट्रेलिया (India- Australia) मिलकर विभिन्न वस्तुओं के लिए अब चीन पर अपनी निर्भरता कम करेंगे. भारत की 95 से अधिक वस्तुओं को ऑस्ट्रेलिया अपने यहां ड्यूटी फ्री एक्सेस देगा. यानी कि टेक्साइटल- परिधान, चुनिंदा कृषि- मत्स्य उत्पाद, चमड़ा, जूते, फर्नीचर, खेल उत्पाद, आभूषण, मशीनरी, इलेक्ट्रिक सामान और रेलवे वैगन समेत विभिन्न सामान अब बिना टैक्स के ऑस्ट्रेलिया को बेचे जा सकेंगे. इससे पहले ऑस्ट्रेलिया में इन वस्तुओं पर 4-5 फीसदी का सीमा शुल्क लगता था. 


ऑस्ट्रेलियाई सामान को विशेष छूट देगा भारत


वहीं भारत (India) ने ऑस्ट्रेलियाई (Australia) शराब पर ड्यूटी फीस कम करने पर सहमति जताई है. इसके तहत भारत 5 डॉलर प्रति बोतल मिनिमम इम्पोर्ट प्राइस वाली वाइन पर ड्यूटी 150 फीसदी से घटाकर 100 फीसदी और 15 डॉलर मूल्य वाली बोतल पर 75 फीसदी करेगा. वहीं कच्ची सामग्री, कोयला, खनिज और मध्यवर्ती सामानों का भी ऑस्ट्रेलिया से आयात बढ़ाएगा. 


5 साल में बिजनेस को दोगुना करेंगे दोनों देश


दोनों देशों के बीच 2021 में द्विपक्षीय व्यापार 27.5 अरब डॉलर था. भारत ने 2021 में 6.9 अरब डॉलर का ऑस्ट्रेलिया को निर्यात किया था. वहीं 15.1 अरब डॉलर का ऑस्ट्रेलिया से आयात किया गया. शनिवार को समझौते पर हस्ताक्षर के बाद वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि फिलहाल दोनों देशों में 27.5 अरब डॉलर का बिजनेस होता है. अगले 5 साल में इसे बढ़ाकर 50 अरब डॉलर तक पहुंचाया जाएगा. 


दोनों देशों के संबंधों के लिए अहम पल: PM मोदी


ये भी पढ़ें- चीन में मान्य होगी पाकिस्तान की डिग्री, विदेश मंत्रियों की बैठक में आर्थिक सहयोग पर भी समझौता


ऑनलाइन समारोह में शामिल पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच हुआ यह समझौता भारत और ऑस्ट्रेलिया (India Australia) के बीच संबंधों के लिए बेहद अहम पल है. ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन ने भी उनकी बात से सहमति जताई. मॉरिसन ने कहा कि यह समझौता भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया के करीबी संबंधों को और भी गहरा बना देगा.


LIVE TV