Baba Chamliyal Darbar Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर अपनी खूबसूरत वादियों के लिए जाना जाता है.. लेकिन यहां कई ऐसे तीर्थस्थल भी हैं जो धार्मिक सद्भाव और चमत्कारिक मान्यताओं के लिए मशहूर हैं. इन्हीं में से एक है सांबा जिले में स्थित बाबा चमलियाल दरबार. जो भारत-पाक सीमा पर मौजूद है. यह पवित्र स्थल न केवल हिंदुओं बल्कि मुसलमानों और सिखों के लिए भी आस्था का केंद्र है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बाबा चमलियाल दरबार का इतिहास


इस स्थान को बाबा दिलीप सिंह मनहास की याद में बनाया गया है. कहा जाता है कि बाबा जी की आध्यात्मिक शक्तियों और लोकप्रियता से परेशान होकर कुछ असामाजिक तत्वों ने उन्हें पाकिस्तान के सैदावाली गांव बुलाकर उनकी हत्या कर दी. उनकी देह भारत में और सिर पाकिस्तान में गिरा. यही कारण है कि सरहद के दोनों तरफ बाबा जी के प्रति गहरी आस्था है.


चमत्कारी मिट्टी और पानी


बाबा चमलियाल दरबार को खासतौर पर चर्म रोगों के इलाज के लिए जाना जाता है. यहां आने वाले श्रद्धालु मिट्टी (जिसे शक्कर कहा जाता है) और पानी (जिसे शरबत कहा जाता है) का लेप अपने शरीर पर लगाते हैं. मान्यता है कि 21 दिनों के भीतर यह लेप चर्म रोगों को ठीक कर देता है.


हर धर्म और संप्रदाय का स्वागत


यह स्थान धार्मिक एकता का प्रतीक है. यहां मंदिरों की तरह घंटी बजाई जाती है और दरगाह की तरह चादरपोशी की जाती है. यहां हर धर्म और समुदाय के लोग अपनी आस्था लेकर आते हैं. भारतीय सेना और बीएसएफ के जवान भी इस दरबार में मत्था टेकते हैं.


आस्था का पर्व


हर साल जून के चौथे गुरुवार को यहां भव्य मेला आयोजित किया जाता है. इस मेले में लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं. 2018 तक पाकिस्तान से भी श्रद्धालु यहां चादर चढ़ाने आते थे. हालांकि, भारत-पाक तनाव के कारण अब यह परंपरा बंद हो गई है.


पाकिस्तान की नापाक हरकत और दरबार का महत्व


2018 में पाकिस्तान ने बीएसएफ के चार जवानों को शहीद कर दिया, जिसके बाद से भारत ने पाकिस्तान से आने वाली चादर और शक्कर-शरबत भेजने की परंपरा रोक दी. बावजूद इसके, बाबा चमलियाल के दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास आज भी अटूट है.



धार्मिक सद्भाव और चमत्कार का प्रतीक


बाबा जी का दरबार न केवल चर्म रोगों के इलाज के लिए मशहूर है, बल्कि यह धार्मिक सद्भाव और एकता का प्रतीक भी है. यहां हर धर्म और संप्रदाय के लोग एक साथ आकर प्रार्थना करते हैं. बाबा जी की शिक्षा और चमत्कारिक शक्तियां सरहदों से परे, दोनों देशों के लोगों के दिलों में आज भी जीवंत हैं.