Char Dham Yatra: वैदिक श्लोकों के मंत्रोच्चारण के बीच बद्रीनाथ धाम मंदिर आज सुबह 7.10 बजे तीर्थयात्रियों के लिए फिर से खुल गया.  उत्तराखंड के चार धामों में से एक, भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर को फिर से खोलने से पहले 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया था.


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हजारों भक्त हुए एकत्रित
मंदिर खुलने के भव्य समारोह को देखने के लिए हजारों भक्त मंदिर में एकत्र हुए और मंदिर में प्रवेश करने की प्रतीक्षा की. तीर्थयात्रियों का पहला जत्था शनिवार को चारधाम यात्रा के लिए हरिद्वार से रवाना हुआ और यात्रा अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर यमुनोत्री धाम से शुरू हुई.


7वीं-9वीं शताब्दी में बद्रीनाम मंदिर निर्माण के प्रमाण मिलते हैं. मंदिर के नाम पर ही इसके आसपास के शहर को बद्रीनाथ भी कहा जाता है. भौगोलिक दृष्टि से यह स्थान हिमालय पर्वतमाला के ऊंचे शिखरों के मध्य, गढ़वाल क्षेत्र में, समुद्र तल से 3,133 मीटर (10,279 फ़ीट) की ऊंचाई पर स्थित है. जाड़ों की ऋतु में हिमालयी क्षेत्र की दशाओं के कारण मन्दिर वर्ष के छह महीनों (अप्रैल के अंत से लेकर नवम्बर की शुरुआत तक) की सीमित अवधि के लिए ही खुला रहता है.


केदारनाथ धाम के भी खुले कपाट
इससे पहले मंगलवार को केदारनाथ धाम के कपाट खोले गए और प्रथम पूजा की गई. पूजा रावल भीमाशंकर लिंग और पुजारी शिवलिंग और धर्माचार्यों द्वारा की गई थी.


उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को कहा, ‘उत्तराखंड की चार धाम यात्रा को आसान और सुरक्षित बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया गया है। सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवी संगठनों ने भी यात्रा के लिए पूरा सहयोग दिया है। पिछले वर्षों के अनुभव के आधार पर यात्रा व्यवस्था को बेहतर करने का काम किया गया है.’ उन्होंने कहा, ‘गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में यात्रा सुचारु रूप से चल रही है.’


श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा
मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर हेलीकॉप्टर से श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा की गई. केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर मुख्यमंत्री धामी ने केदारनाथ में पूजा-अर्चना की और देश व प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की. मुख्यमंत्री ने बाबा केदार के दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुओं का स्वागत भी किया.