TRP घोटाले के बाद BARC का बड़ा फैसला: इतने हफ्तों तक लगाई रेटिंग पर रोक
मुंबई पुलिस द्वारा न्यूज चैनलों का TRP घोटाला उजागर करने के बाद टेलीविजन रेटिंग मापने वाली संस्था बार्क (BARC) हरकत में आई है. बार्क ने अगले कुछ हफ्तों के लिए चैनलों की रेटिंग पर रोक लगा दी है.
मुंबई: न्यूज चैनलों का टीआरपी घोटाला (TRP Scam) सामने आने के बाद टेलीविजन रेटिंग मापने वाली संस्था बार्क (BARC) ने बड़ा फैसला लिया है. बार्क ने अगले 12 हफ्तों (तीन महीने) के लिए TRP मापने पर रोक लगा दी है. यानी अगले 12 हफ्तों तक न्यूज चैनलों की TRP रेटिंग नहीं आएगी.
BARC ने मुंबई पुलिस द्वारा टीआरपी घोटाले के भंडाफोड़ के बाद यह कदम उठाया है. वहीं, न्यूज ब्रॉडकास्टिंग एसोसिएशन (एनबीए) ने बार्क के इस फैसले का स्वागत किया है. बार्क की तरफ से कहा गया है कि हिंदी, क्षेत्रीय, अंग्रेजी के साथ ही सभी बिजनेस चैनल भी उसके इस फैसले की जद में आएंगे. हालांकि, तकनीकी समिति की निगरानी में राज्य और भाषा के आधार पर दर्शकों की साप्ताहिक अनुमानित संख्या बताना जारी रखा जाएगा.
जरूरी था फैसला
BARC इंडिया बोर्ड के चेयरमैन पुनीत गोयनका (Punit Goenka) ने कहा कि मौजूदा घटनाक्रम को देखते हुए यह फैसला लेना बेहद जरूरी हो गया था. बोर्ड का मानना है कि बार्क को अपने पहले से ही कड़े प्रोटोकॉल की समीक्षा करनी चाहिए और इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाने चाहिए कि फर्जी टीआरपी जैसी घटनाएं फिर सामने न आएं. वहीं, BARC इंडिया के सीईओ सुनील लुल्ला (Sunil Lulla) ने कहा कि हम BARC में अपनी भूमिका को पूरी ईमानदारी और निष्ठा से निभाते हुए वही रिपोर्ट करते हैं, जो देश देखता है. हम ऐसे और विकल्प तलाश रहे हैं, जिससे इस तरह की गैर-कानूनी गतिविधियों पर पूरी तरह रोक लगाई जा सके.
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क्या है बार्क?
ब्रॉडकॉस्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) टेलीविजन रेटिंग बताने वाली एजेंसी है. यह संयुक्त उद्योग उपक्रम है, जिसे प्रसारणकर्ता (IBF), विज्ञापनदाता, विज्ञापन और मीडिया एजेंसी का प्रतिनिधित्व करने वाले स्टॉकहोल्डर निधिबद्ध करते हैं. यह दुनिया का सबसे बड़ा टेलीविजन मेजरमेंट निकाय है. बार्क इंडिया साल 2010 में शुरू हुआ था और इसका मुख्यालय मुंबई में है. BARC इंडिया ही टीवी ऑडियंस मेजरमेंट सिस्टम के सटीक और पारदर्शी संचालन के लिए जिम्मेदार है.
क्या है मामला?
मुंबई पुलिस ने हाल ही में TRP घोटाला उगाजर किया था. पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन कर बताया था कि टीआरपी में कुछ चैनलों द्वारा घोटाला किया जा रहा है. इस मामले में रिपब्लिक टीवी (Republic TV) का भी नाम सामने आया है. वहीं, रिपब्लिक टीवी को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है और उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को सुनवाई करते रिपब्लिक टीवी को बॉम्बे हाई कोर्ट जाने के लिए कहा है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड, जस्टिस इंदू मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की बेंच ने सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि टीवी चैनल को हाई कोर्ट जाना चाहिए.