मुंबई: चक्रवाती तूफान ताउ-ते (Tauktae) की चपेट में आए जहाज बार्ज पी-305 (Barge P-305) से अब तक 188 लोगों को भारतीय नौसेना और इंडियन कोस्ट गार्ड ने सुरक्षित बचा लिया है, जबकि 37 शव बरामद हुए हैं और 36 लोगों की तलाश अब भी जारी है. हादसे के बाद बचाए गए चीफ इंजीनियर रहमान शेख ने हादसे की भयावह कहानी बताई है और जहाज के कप्तान पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं.


'बच सकती थी जहाज में सवार सभी लोगों की जान'


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इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए चीफ इंजीनियर रहमान शेख ने बताया, 'अगर जहाज कप्तान तूफान की चेतावनी को गंभीरता से लेते और वहां मौजूद लाइफ राफ्ट्स पंचर नहीं होते, तो बार्ज पी-305 (Barge P-305) पर रहे सभी लोगों की जान बच सकती थी.'


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'कप्तान और कंपनी की गलती से हुआ बड़ा हादसा'


रहमान शेख ने कहा, 'हमें एक हफ्ते पहले तूफान की चेतावनी मिल गई थी, लेकिन कप्तान और कंपनी ने इसको लेकर गलत अनुमान लगाया. इस कारण बड़ा हादसा हुआ.' रहमान ने आगे कहा, 'जब मैंने तूफान को लेकर कैप्टन बलविंदर सिंह से बात की थी, तब उन्होंने मुझे कहा था कि हवा के 40 किमी प्रति घंटे से ज्यादा ऊपर जाने का अनुमान नहीं है. लेकिन हवा की गति 100 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा थी.'


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लाइफ राफ्ट्स पंचर नहीं होते बच जाती लोगों की जान


रहमान शेख ने कहा, 'तूफान की वजह से बार्ज ऑयल रिग से टकरा गया और एक बड़ा छेद हो गया. इसके बाद जहाज के अंदर पानी आने लगा. हमने बचाव के लिए पोर्ट के बाएं हिस्से में मौजूद लाइफ राफ्ट्स की मदद लेने की कोशिश की, लेकिन इनमें से दो ही लॉन्च किए जा सके और 14 पंचर थे. 16 लाइफ राफ्ट्स स्टारबोर्ड की तरफ रखी हुई थीं, लेकिन तेज हवा की वजह से उस तरफ किसी की जाने की हिम्मत नहीं हुई.'


बार्ज पी-305 से 188 लोगों को सुरक्षित बचाया गया


बता दें कि बार्ज पी-305 (Barge P-305) पर सवार कुल 261 लोगों में से 188 इंडियन नेवी और इंडियन कोस्ट गार्ड ने रेस्क्यू कर लिया है. जबकि 37 शव बरामद हुए हैं और 36 लोगों की तलाश अब भी जारी है. नौसेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि तलाश और बचाव अभियान अभी जारी है. लोगों को तट तक सुरक्षित लाने की उम्मीद हमने अब तक नहीं छोड़ी है.


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