`भारत माता से आजादी-कश्मीर से आजादी` जैसे राष्ट्रविरोधी नारों से नाराज हुए यह कांग्रेस नेता
अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट करते हुए लिखा, भारत माता से आजादी और कश्मीर से आजादी अलगाववादी नारे हैं. इनकी सीएए के विरोध में कोई जगह नहीं है, क्योंकि वे हमारे राष्ट्र की अखंडता पर सवाल उठा रहे हैं.
नई दिल्ली : कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) ने सीएए (CAA) के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों में अलगाववादी नारे लगाए जाने पर नाखुशी जाहिर की है और कहा कि सीएए के विरोध में ऐसे नारों की कोई जगह नहीं है, क्योंकि यह हमारे राष्ट्र की अखंडता पर सवाल उठा रहे हैं.
कोलकाता: छात्र प्रदर्शन में भारत विरोधी नारेबाजी, लगे कश्मीर और असम की आजादी के नारे
अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'भारत माता से आजादी और कश्मीर से आजादी अलगाववादी नारे हैं. इनकी सीएए के विरोध में कोई जगह नहीं है, क्योंकि वे हमारे राष्ट्र की अखंडता पर सवाल उठा रहे हैं. साथ ही सीएए के खिलाफ मजबूत आंदोलन को कमजोर कर रहे हैं'.
सिंघवी का यह बयान जादवपुर विश्वविद्यालय सहित कई विश्वविद्यालयों के छात्रों द्वारा लगाए गए राष्ट्रविरोधी नारों के बाद आया है. इन छात्रों ने 'कश्मीर मांगे आज़ादी', 'असम मांगे आज़ादी' जैसे के नारे लगाए. ये सभी आंदोलनकारी छात्र एक लंबा बैनर भी लेकर चल रहे थे, जिसमें लिखा था कि 'हिन्दुराष्ट्र रेपिस्ट है'.
जादवपुर विश्वविद्यालय सहित कई विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राएं विक्टोरिया मेमोरियल के बाहर बीजेपी सांसद स्वपन दासगुप्ता और विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती के खिलाफ एकत्र हुए थे.
इन छात्रों का दावा था कि विश्वभारती विश्वविद्यालय के छात्रों पर हमले के पीछे भाजपा सांसद स्वपन दासगुप्ता और कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती का हाथ था. जब इन छात्रों ने विक्टोरिया मेमोरियल परिसर में प्रवेश करने की कोशिश की, तो उन्हें शाम को प्रवेश करने से रोक दिया गया. वे वहां दो घंटे तक खड़े रहे और गेट के बाहर धरना दिया.