अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट करते हुए लिखा, भारत माता से आजादी और कश्मीर से आजादी अलगाववादी नारे हैं. इनकी सीएए के विरोध में कोई जगह नहीं है, क्योंकि वे हमारे राष्ट्र की अखंडता पर सवाल उठा रहे हैं.
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नई दिल्ली : कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) ने सीएए (CAA) के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों में अलगाववादी नारे लगाए जाने पर नाखुशी जाहिर की है और कहा कि सीएए के विरोध में ऐसे नारों की कोई जगह नहीं है, क्योंकि यह हमारे राष्ट्र की अखंडता पर सवाल उठा रहे हैं.
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अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'भारत माता से आजादी और कश्मीर से आजादी अलगाववादी नारे हैं. इनकी सीएए के विरोध में कोई जगह नहीं है, क्योंकि वे हमारे राष्ट्र की अखंडता पर सवाल उठा रहे हैं. साथ ही सीएए के खिलाफ मजबूत आंदोलन को कमजोर कर रहे हैं'.
Bharat mata se azadi & Kashmir se aazadi are secessionist slogans that have no place in a protest against CAA as they are questioning the integrity of our nation as weakening the strong movement against the discriminatory CAA.
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) January 23, 2020
सिंघवी का यह बयान जादवपुर विश्वविद्यालय सहित कई विश्वविद्यालयों के छात्रों द्वारा लगाए गए राष्ट्रविरोधी नारों के बाद आया है. इन छात्रों ने 'कश्मीर मांगे आज़ादी', 'असम मांगे आज़ादी' जैसे के नारे लगाए. ये सभी आंदोलनकारी छात्र एक लंबा बैनर भी लेकर चल रहे थे, जिसमें लिखा था कि 'हिन्दुराष्ट्र रेपिस्ट है'.
जादवपुर विश्वविद्यालय सहित कई विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राएं विक्टोरिया मेमोरियल के बाहर बीजेपी सांसद स्वपन दासगुप्ता और विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती के खिलाफ एकत्र हुए थे.
इन छात्रों का दावा था कि विश्वभारती विश्वविद्यालय के छात्रों पर हमले के पीछे भाजपा सांसद स्वपन दासगुप्ता और कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती का हाथ था. जब इन छात्रों ने विक्टोरिया मेमोरियल परिसर में प्रवेश करने की कोशिश की, तो उन्हें शाम को प्रवेश करने से रोक दिया गया. वे वहां दो घंटे तक खड़े रहे और गेट के बाहर धरना दिया.