Assam Peace Agreement: असम में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने की दिशा और कदम के तहत, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में राज्य में आदिवासी आतंकवादी समूहों के साथ त्रिपक्षीय शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. शीर्ष सरकारी सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय (एमएचए) में आज शाम समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.


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शांति समझौते पर केंद्र सरकार, असम सरकार और असम के विद्रोही संगठनों- ऑल आदिवासी नेशनल लिबरेशन आर्मी, असम के आदिवासी कोबरा मिलिटेंट्स, बिरसा कमांडो फोर्स, संथाल टाइगर फोर्स और आदिवासी पीपुल्स आर्मी द्वारा हस्ताक्षर किए गए.


संघर्ष विराम में हैं ये पांच संगठन
बता दें असम के ये आदिवासी संगठन समूह वर्षों पहले ऑपरेशन के निलंबन की घोषणा के बाद से संघर्ष विराम में हैं और उसके बाद शांति वार्ता कर रहे हैं. इन समूहों के सौ से अधिक कार्यकर्ता अब अस्थायी रूप से असम पुलिस के संरक्षण में निर्दिष्ट शिविरों में रह रहे हैं.


इस बीच, ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए गृह मंत्रालय जाने से पहले असम के मुख्यमंत्री दोपहर को असम हाउस में पांच उग्रवादी संगठनों के सदस्यों से मुलाकात करेंगे. इससे पहले भी उन्होंने अंतिम समझौते के संबंध में विद्रोही आदिवासी समूहों के साथ बैठक की थी.


जनवरी 2020 में हुआ था एतिहासिक समझौता
बता दें जनवरी 2020 में केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने 50 साल से अधिक पुराने बोडो संकट को समाप्त करने के लिए नई दिल्ली में भारत सरकार, असम सरकार और बोडो प्रतिनिधियों के बीच एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर करने की अध्यक्षता की थी.


समझौते के बाद, तीन नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) गुटों के कुल 1,615 कैडरों ने 30 जनवरी, 2020 को अपने हथियार डाल दिए. इस अवसर पर एनडीएफबी के सदस्यों द्वारा एके 47 राइफल, लाइट-मशीन गन और स्टन गन सहित 4,800 से अधिक हथियार डाले गए.



(इनपुट - ANI)


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