पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) बुधवार को मुजफ्फरपुर में समाज सुधार अभियान की रैली के दौरान आपा खो बैठे. मुख्यमंत्री जब मुजफ्फरपुर प्रौद्योगिकी संस्थान परिसर में रैली को संबोधित कर रहे थे, तो कुछ लोगों ने हंगामा किया.


क्या है पूरा मामला?


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पूरे हंगामे ने कार्यक्रम स्थल पर मौजूद मीडियाकर्मियों का ध्यान खींचा. जब मीडियाकर्मियों ने शोर मचा रहे लोगों की ओर अपना कैमरा घुमाया तो मुख्यमंत्री ने उन्हें कार्यक्रम स्थल से बाहर जाने को कहा. नीतीश कुमार ने कहा, 'यहां शोर करने वालों को सुनना चाहिए कि महिलाएं सामाजिक सुधारों के बारे में क्या कह रही हैं. मीडियाकर्मी कहां जा रहे हैं? क्या वे सामाजिक सुधारों से नफरत करते हैं? यदि हां, तो यहां से जा सकते हैं.'


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शराब के दुष्परिणाम समझें पुरुष


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की महिलाओं की तरह पुरुषों को भी शराब के सेवन के परिणामों को समझना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा, 'अगर मैं समाज की बेहतरी के लिए कुछ मूल्यवान बिंदु बता रहा हूं, तो कृपया उन पर ध्यान दें. यदि आपको कोई समस्या है, तो 'जनता दरबार' कार्यक्रम के दौरान पटना में मुझसे मिलें. अब कृपया ध्यान से सुनें कि मैं क्या कह रहा हूं.'



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पहले भी खो चुकें हैं खुद पर काबू


यह पहली बार नहीं है, जब नीतीश कुमार ने किसी जनसभा के दौरान आपा खोया हो. बिहार में 2020 के विधान सभा चुनाव के दौरान हुई रैलियों में भी वह लोगों पर चिल्लाए थे.


(इनपुट - आईएएनएस)


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