Flood in Bihar : कुदरत की जद से कोई अछूता नहीं है. नेपाल में आपदा आती है तो असर भारत पर भी पड़ता है. नेपाल में हो रही बारिश से बिहार में बाढ़ से अब हालात काफी चिंताजनक हो गए हैं. बिहार की नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है, नदिया अपने किनारे को तोड़कर प्रलय मचा रही हैं. नेपाल के तराई क्षेत्रों में हुई बारिश से मुजफ्फरपुर की नदियों में जलस्तर बढ़ गया है. कई इलाकों में पानी घुस गया है. जगह-जगह बाढ़ के हालात हैं. कटरा स्थित बकुची पावर ग्रिड परिसर में पानी घुस गया है. दरअसल हिमालयन बेल्ट से जुड़े भारत और नेपाल का सदियों पुराना नाता (Bihar flood Nepal Connection) है. लगभग एक जैसी मौसमी गतिविधियों के चलते दोनों देशों की नदियां उफान पर है. पहाड़ों पर भूस्खलन हो रहा है. फ्लैश फ्लड (Flasg flood) और बारिश से नेपाल त्राहिमाम कर रहा है. 


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Bihar Weather today Flood Update: 15 जिले बाढ़ से प्रभावित


बिहार पिछले 40 सालों से अब तक लगातार हर साल बाढ़ से जूझ रहा है. बिहार सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद राज्य का 68,800 वर्ग किमी हर साल बाढ़ में डूब जाता है. बिहार का मौसम भी अजब रंग दिखा रहा है. कई जिलों में बाढ़ के हालात हैं. पटना में भी परेशानी है. 4 लाख से ज्यादा लोग किसी न किसी तरह से प्रभावित हैं.  हालांकि ये अधिकारिक आंकड़ा नहीं है. गंडक तटबंध में दरार की खबर थी, तब क्या प्रशासन सो रहा था.


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कोसी, गंडक और बागमती नदियों का जलस्तर चढ़ा हुआ है. अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, सीवान, मधेपुरा, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा और सारण आदि शामिल हैं. राहत बचाव के लिए SDRF और NDRF की टीमें लगी हैं. बीते 24 घंटों में 7 तटबंध टूट गए हैं और कई जगह स्कूल कॉलेज बंद हैं. प्रशासन राहत और बचाव के काम में लगा है.


कई शहरों में हाहाकार


सुपौल में कोसी के बढ़ते जलस्तर में सोमवार की सुबह कमी आई है. कोसी बैराज से निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज लगातार कम हुआ है. लेकिननदी के कटाव का खतरा बना हुआ है. हालांकि सोमवार सुबह से प्रभावित इलाकों में पानी धीरे-धीरे घट रहा है. हालांकि हालात सामान्य होने में अभी वक्त लगेगा. यहां बसंतपुर, भपटियाही, मरौना, निर्मली, किसनपुर और सुपौल की दर्जनों पंचायतें बाढ़ की चपेट में हैं.



पूर्वी और मध्य नेपाल के बड़े हिस्से जलमग्न हैं. बाढ़ प्रभावित करीब 5000 लोगों को सेना, पुलिस और सुरक्षा बलों ने बचाया है. कई हिस्सों में अचानक बाढ़ आ गई तो नेपाल को अपने बांधों का गेट खोलना पड़ा. इससे भारत के कुछ जिलों में बाढ़ के हालात हो गए.  नेपाल के पहाड़ी इलाकों में पहाड़ों के दरकने का सिलसिला भी जारी है. वहीं मैदानी इलाकों में बाढ़ का पानी अपने साथ सबकुछ ले जाने के लिए आमादा है. नेपाल के तकरीबन हर हिस्से में लगातार बारिश हो रही है. रिहायशी इलाकों को भयानक नुकसान पहुंचा है. बाढ़ का पानी उतरता है तो अपने पीछे छोड़ जाता है बर्बादी.



नेपाल के पानी डिस्चार्ज करने से उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में भी हालात चिंताजनक हैं. यूपी में सीएम योगी हालात पर नजर रखे हैं. इस तरह यूपी की बाढ़ का भी नेपाल से कनेक्शन है. लोग जान हथेली पर डालकर रोजमर्रा के काम कर रहे हैं.


भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाढ़ प्रभावित?


रिपोर्टस के मुताबिक भारत दुनिया का दूसरा बाढ़ प्रभावित देश है. बाढ़ वो स्थिति है जब कोई इलाका अस्थायी रूप से जलमग्न हो जाता है और वहां आम जन-जीवन प्रभावित हो जाता है. इसके प्रमुख कारणों में तटबंध टूटना, बांध टूटना, जलतरंगों की गति बढ़ना, मानसून की अधिकता आदि कई कारण है.