झारखंड: रांची के किसान ने पहाड़ पर शुरू की फूलों की खेती, कायम की मिसाल
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झारखंड: रांची के किसान ने पहाड़ पर शुरू की फूलों की खेती, कायम की मिसाल

रांची और रामगढ़ की सीमा पर पहाड़ो के ऊपर बंजर भूमि आज फुलों की खेती से लहलहा रही है. यह कारनामा कर दिखाया है किसान जयप्रकाश ने इंटर के पढ़ाई के बाद नौकरी की तलाश में दर दर भटकने के बाद गांव में ही खेती करने बाद पहाड़ के ऊपर बंजर भूमि नजर आया. 

जयप्रकाश ने  बंजर हो चुके जमीन पर फूलों की खेती कर एक मिसाल कायम किया है.

रांची: झारखंड के रांची और रामगढ़ के सीमा पर बसे बोंगई गांव के किसान जयप्रकाश ने पहाड़ के ऊपर बिल्कुल बंजर हो चुके जमीन पर फूलों की खेती कर एक मिसाल कायम किया है.

रांची और रामगढ़ की सीमा पर पहाड़ों के ऊपर बंजर जमीन पर आज फूलों की खेती से लहलहा रही है. जयप्रकाश ने यह कारनामा कर दिखाया है. जयप्रकाश  इंटर की पढ़ाई के बाद नौकरी की तलाश में दर-दर भटकने के बाद गांव में ही खेती करने बाद पहाड़ के ऊपर बंजर भूमि नजर आया. फिर उनके दिमाग में फूलों की खेती करने की सूझी. गांव के लोगों ने उन्हें पागल तो कोई सनकी तक कहा. लेकिन उनकी सोच कुछ करने था. जयप्रकाश बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने में और कुछ ही महीनों में जो बिल्कुल बंजरभूमि पर गेंदा के फूलों से लहलहाने लगी. 

आज गांव के कई लोग उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे और किसान जयप्रकाश के साथ फुलो के इस व्यपार से अच्छे पैसे कमा रहे हैं है. फूलों की बाजार में अच्छी मांग है. प्रत्येक दिन लगभग यहां से फूल बोकारो, हजारीबाग, रामगढ, रजरप्पा, धार्मिक स्थलों के अलावे झारखंड के दूसरे राज्यो में भी डिमांड हो रही है. महीने में लगभग 70 से 90 हज़ार की फूलों का कारोबार होता है.

फूलो की खेती से प्रभावित एक एक किसान ने बताया कि यहां पहले पूरा बंजर जमीन था. प्रकाश इस धंधे को और भी बढ़ाना चाह रहे है, इसकी खेती में बहुत फायदा हो रहा है. यहां जंगली हाथी भी आते हैं इसलिए सोचा कि फूल ही लगाने से फायदा है 

रामगढ के जयप्रकाश लगभग चार एकड़ बंजर भूमि में फुलो की खेती कर अच्छा मुनाफा कर रहे है और इस इलाके के और भी किसानों केलिय प्रेरणास्रोत बन गए हैं. अगर सरकार उन्हें खेती करने की सुविधा मुहैया कराती है तो वह दिन दूर नहीं जब फूलों की खेती के लिए यह इलाका जाना जाएगा.