नई दिल्ली: बिहार में चमकी बुखार का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. दो वकील मनोहर प्रताप और सनप्रीत सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर मांग की है कि चमकी बीमारी Acute Encephalitis Syndrome से बच्चों की मौत का आंकड़ा सौ को पार गया है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट केन्द्र सरकार और बिहार सरकार को निर्देश जारी करे कि वह बिहार में 500 आईसीयू और पर्याप्त संख्या में डाक्टरों की तैनाती करे. इस मांग को लेकर वकील बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में जजों की अवकाश बेंच के सामने मेंशन कर जल्द सुनवाई की मांग कर सकते हैं.


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याचिका में यह भी मांग की गई है कि इस बीमारी से जो मौतें हुई हैं, सरकार हर पीड़ित परिवार को दस दस लाख रुपए का मुआवज़ा दे और बिहार के मुजफ्फरपुर जिसे में निजी असपतालों को मुफ़्त इलाज मुहैया कराने के आदेश जारी करे.


बिहार के मुजफ्फरपुर में अब तक चमकी बुखार से 109 मासूम बच्चों की मौत हो चुकी है. बिहार में अब तक चमकी बुखार से 137 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस मामले में सरकार अब तक नाकाम साबित हुई है. इसके साथ ही एक जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है. ये याचिका बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे के खिलाफ दाखिल की गई है.



इससे पहले मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज का दौरा किया. हालांकि अभी तक सरकार सिर्फ बयानों तक ही सीमित रही है.