गजब है! इस ब्लू व्हेल को मरे 26 साल हो गए, कंकाल से आज भी टपक रहा तेल
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गजब है! इस ब्लू व्हेल को मरे 26 साल हो गए, कंकाल से आज भी टपक रहा तेल

Blue Whale Oil Leaking: अमेरिका के एक म्यूजियम में रखे गए ब्लू व्हेल के कंकाल से आज तक तेल रिस रहा है. इस व्हेल की मौत 26 साल पहले हुई थी.

गजब है! इस ब्लू व्हेल को मरे 26 साल हो गए, कंकाल से आज भी टपक रहा तेल

Science News in Hindi: अमेरिका के मैसाचुसेट्स में न्यू बेडफोर्ड व्हेलिंग म्यूजियम है. यहां एक नीली व्हेल का 66 फुट लंबा कंकाल रखा गया है. इस व्हेल को मरे कम से कम 26 साल गुजर चुके हैं, फिर भी कंकाल से अभी तक तेल रिस रहा है. यह दुर्लभ कंकाल इस म्यूजियम में 2000 से रखा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, यह अभी भी लीक हो रहा है, क्योंकि ब्लू व्हेल की अस्थि मज्जा तेल से भरी हुई है और मानव हड्डी की तुलना में बहुत अधिक तैलीय है.

अब तक निकल चुका कितना तेल?

यह कंकाल जिस ब्लू व्हेल का है, उसे King of the Blue Ocean या KOBO कहा जाता था. म्यूजियम में साइंस एंड रिसर्च के क्यूरेटर, रॉबर्ट रोचा के मुताबिक, KOBO करीब पांच साल की थी और उसका वजन 80 हजार पौंड (लगभग 36,287 किलोग्राम) था. रोचा ने 'पॉपुलर साइंस' को बताया, '1998 में बेल्जियम से रोड आइलैंड जा रहे 486 फुट लंबे मालवाहक जहाज की चपेट में आने से व्हेल की दुर्घटनावश मृत्यु हो गई थी.

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शव को तट पर लाया गया और रिसर्च के लिए वैज्ञानिकों ने उसकी चीरफाड़ की. रिकवरी टीम ने हड्डियों से तेल बाहर नहीं निकाला और कंकाल को धूप में छोड़ दिया. बाद में कंकाल को म्यूजियम में रखा गया. 2010 में रिसते तेल को इकट्ठा करने के लिए म्यूजियम ने चोंच, थूथन और कशेरुकाओं के पास फ्लास्क रख दिए. हर दिन फ्लास्क में तेल टपकता है और म्यूजियम के पास एक जार में 1,000 मिलीलीटर और कैचर्स में 200 मिलीलीटर तेल है.

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इसी तेल से व्हेल को मिलती है ऊर्जा

रोचा के अनुसार, 'मज्जा तैलीय होती है और तेल इन जानवरों के लिए ऊर्जा का स्रोत है. खास तौर पर बलीन व्हेल, जो आमतौर पर साल के एक ऐसे समय में भोजन नहीं करती हैं. मांसपेशियों और वसा में ऊर्जा संग्रहित होती है, लेकिन तेल और हड्डियों में संग्रहित ऊर्जा उनके लिए आरक्षित ऊर्जा स्रोत है.'

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