जमशेदपुर: पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा को नहीं मिली बंगाल में सभा करने की अनुमति, ममता बनर्जी पर बरसे
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जमशेदपुर: पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा को नहीं मिली बंगाल में सभा करने की अनुमति, ममता बनर्जी पर बरसे

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाद अब झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को पश्चिम बंगाल में सभा करने से रोक दिया गया है.

पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा बीच रास्ते से ही जमशेदपुर लौट आए हैं. (फाइल फोटो)

पीयूष मिश्रा, जमशेदपुर: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाद अब झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को पश्चिम बंगाल में सभा करने से रोक दिया गया है. जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा बीच रास्ते से ही जमशेदपुर लौट आए हैं.

बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को पार्टी आलाकमान के निर्देश पर झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला से सटे पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिला के विष्णुपुर में भारतीय जनता पार्टी की शक्ति केंद्र के तहत सभा को संबोधित करना था. तय समय के अनुसार अर्जुन मुंडा सभा में शामिल होने के लिए जमशेदपुर से निकले थे. लेकिन पश्चिम बंगाल की सीमा से लगे झारखंड के पटमदा स्थित कटिंग मोड़ स्थित पार्टी कार्यालय में उन्हें जानकारी मिली कि बंगाल सरकार और स्थानीय जिला प्रशासन ने सुरक्षा का हवाला दे कर सभा की अनुमति नहीं दी है. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री मुंडा आधे रास्ते से ही लौट गए.

अर्जुन मुंडा ने मीडिया से बातचीत में ममता सरकार की इस दमनकारी नीति की आलोचना की. सभा की अनुमति नहीं मिलने से नाराज अर्जुन मुंडा ने बंगाल की ममता सरकार पर तीखे आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार लोकतंत्र का गला घोंटने पर तुली हुई है. बीजेपी की बढ़ती लोकप्रियता से ममता बनर्जी घबरा गयी हैं. बीजेपी की आवाज को दबाना चाहती हैं, लेकिन इसमें सफल नहीं हो सकेंगी. उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की जनता ममता बनर्जी को करारा जवाब देगी. पश्चिम बंगाल में इस बार कमल खिलेगा और तृणमूल कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ेगा.

बहरहाल, आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर पश्चिम बंगाल में ममता की तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच सत्ता पर काबिज होने को लेकर सियासत और भी तेज होगी. ऐसे में आने वाले समय मे जैसे-जैसे चुनाव अभियान के जोर पकड़ने पर दोनों सियासी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर और भी अधिक तेज होगा.