बेगूसराय: कहा जाता है कि अगर आपको रास्ते में कोई एंबुलेंस दिख जाए तो उसका रास्ता कभी नहीं रोकना चाहिए. कितना भी ट्रैफिक जाम क्यों न हो एंबुलेंस को रास्ता दे दिया जाता है. एंबुलेंस को रास्ता देने के लिए कई बार वीआईपी मूवमेंट को भी रोक दिया जाता है. लेकिन बिहार के बेगूसराय से एक मामला सामने आ रहा जिसे सुनकर हर कोई हैरान है. दरअसल बेगूसराय के सिमरिया पुल पर पुलिस पदाधिकारी ने जब अचानक दो एंबुलेंस गाड़ी को रोक दिया. दोनों एंबुलेंस गाड़ी को जब रोका गया तब उसमें दो इमरजेंसी मरीज मौजूद थे.


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वहीं घंटे भर तक एंबुलेंस गाड़ी सिमरिया पुल पर खड़े रहने के बाद परिजनों के बीच दहशत उत्पन्न हो गया. इस दौरान मरीज के परिजनों का कहना है कि करीब 1 घंटे से अचानक दोनों एंबुलेंस गाड़ी को सिमरिया पुल पर पुलिस पदाधिकारी के द्वारा रोक दिया गया और इस दौरान पुलिस पदाधिकारी ने कहा है कि इस रास्ते से वरीय पदाधिकारी जा रहे हैं. इसलिए इस रास्ते से एंबुलेंस को अभी जाने नहीं दिया जाएगा. इस दौरान लगातार एंबुलेंस कर्मी और परिजनों के द्वारा पुलिस से गुहार लगाने का प्रयास किया लेकिन इसके बावजूद भी जाने नहीं दिया.


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वहीं परिजनों का कहना है कि एंबुलेंस के अंदर इमरजेंसी मरीज था लेकिन इसके बावजूद भी लोग जाने नहीं दिए. काफी देर तक सिमरिया पुल पर दो एंबुलेंस को रोक कर रखा गया. उन्होंने बताया है कि वरीय पुलिस पदाधिकारी का गाड़ी गुजरने के बाद दोनों एंबुलेंस को सिमरिया पुल से जाने दिया गया. ऐसे में अब ये सवाल उठ रहा है कि पुलिस प्रशासन आखिर क्यों दो एंबुलेंस गाड़ी को सिमरिया पुल पर घंटों तक रोक कर रखा. अगर दौरान अगर मरीजों के कोई अनहोनी हो जाती तो उसकी जवाबदेही किसकी होती.


इनपुट- जितेन्द्र कुमार


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