Begusarai: बेगूसराय में दूसरे दिन भी मिला नवजात बच्ची का शव, पुलिस-प्रशासन पर उठ रहे सवाल
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Begusarai: बेगूसराय में दूसरे दिन भी मिला नवजात बच्ची का शव, पुलिस-प्रशासन पर उठ रहे सवाल

Begusarai News: लोगों का कहना है कि बलिया इलाके में संचालित अवैध क्लिनिको के द्वारा जन्म से पूर्व ही लिंग परीक्षण कर दिया जाता है. लडका या लड़की का पता लगाने के बाद कुछ बेरहम मां-बाप लड़की होने पर गर्भपात करा लेते हैं और नवजात का शव कचरे या सड़क के किनारे फेंक कर भाग जाते हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर

Begusarai News: बिहार के बेगूसराय में मानवता लगातार शर्मशार हो रही है. दरअसल, जिले के अलग-अलग हिस्सों से लगातार नवजात बच्चों के शव पड़े हुए मिल रहे हैं. इनमें से ज्यादातर लड़कियां हैं. लगातार दूसरे दिन भी इसी तरह की एक घटना सामने आई है. ताजा मामला बलिया थाना क्षेत्र के भगतपुर चौराहे के पास की है. यहां से एक बार फिर से एक नवजात बच्ची का शव पुलिस ने बरामद किया है. इस मामले में माना जा रहा है कि लोगों ने नवजात बच्ची को जिंदा ही फेक दिया था, बाद में बच्ची की मौत हो गई. लगातार ऐसी घटनाएं सामने आने से शहर कलंकित हो रहा है और पुलिस-प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं. लोगों का कहना है कि शहर में कई अवैध क्लिनिक चल रहे हैं, जहां गर्भपात कराने का धंधा चल रहा है. 

लोगों का कहना है कि बलिया इलाके में संचालित अवैध क्लिनिको के द्वारा जन्म से पूर्व ही लिंग परीक्षण कर दिया जाता है. लडका या लड़की का पता लगाने के बाद कुछ बेरहम मां-बाप लड़की होने पर गर्भपात करा लेते हैं और नवजात का शव कचरे या सड़क के किनारे फेंक कर भाग जाते हैं. कुछ स्थानीय लोग बताते हैं कि इस इलाके में अक्सर नवजात का शव मिल जाता है. इससे पहले रविवार (14 अप्रैल) को ऐसा ही एक मामला पवार हाऊस इलाके से सामने आया था. यहां एक बच्ची के शव को कोई सड़क पर फेंक कर चला गया था. लगातार दो दिन में यह दूसरी घटना है. इससे स्थानीय लोगों में प्रशासन को लेकर नाराजगी है. लोगों का कहना है कि बलिया इलाके में अक्सर नवजात को फेंकने के मामले सामने आते हैं, लेकिन पुलिस-प्रशासन की ओर से अवैध क्लिनिक पर कोई छापेमारी नहीं की जाती.

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लोगों का आरोप है कि यह पूरा काम स्वास्थ्य विभाग के स्थानीय और जिला के अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है. इस घटना के सामने आने के बाद दर्जनों की संख्या में लोग मौके पर पहुंच कर घटना की निंदा करते हुऐ देखे गए. बाद में सूचना के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंच कर मामले की जांच में जुटी रही. लोगों का आरोप है कि बिहार के मुखमंत्री 'बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ' का नारा देते हैं, लेकिन उनके कार्यकाल में खुले आम बेटियों की हत्या हो रही है. इस पूरे मामले में लोग जिला के सिविल सर्जन और स्थानीय चिकित्सा पदाधिकारी पर सवाल खड़ा कर रहे है. 

रिपोर्ट- जितेंद्र

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