लखीसराय: बिहार के लखीसराय में दीपावली के समाप्त होते ही छठ पूजा की तैयारी शुरू हो गई है. लोक आस्था का महापर्व छठ में भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए सूप का खास महत्व होता है. छठ पर्व में सूप-दउरा की मांग भी बढ़ जाती है. 


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सालों भर बांस की निर्माण सामग्री बिक्री करने वालों के हाथ इस त्योहार में ही मजबूत होते हैं. यही वजह है, सूप-दउरा निर्माण के लिए वे दिन रात मेहनत करते हैं. कुछ ऐसा ही दृश्य पिछले कुछ दिनों से दलित बस्ती की है. जहां पर लोग बांस की सामग्रियों का निर्माण करने में जुट गए हैं. यही पर्व है, जब ये कारीगर महाजन से कर्ज लेकर भी सम्मानजनक कमाई की उम्मीद में यह व्यवसाय करते हैं.


बात लखीसराय शहर की करें तो यहां के दलित बस्ती में दलित समाज के लोग बांस के सूप और दाउरा बनाने में जुटे हैं. छठ पूजा में बांस के सूप और दाउरा का काफी महत्व है. जिससे सूप और दउरा बनाने वाले ये कारीगर छठ में ही साल भर की कमाई का रास्ता तलाशते है. 


इस बार बांस महंगा होने से सूप और दउरे की कीमत भी काफी बढ़ गई है. इस काम में लगे लोगों का कहना है कि उन्हें सरकारी मदद भी नहीं मिल पाती है. पूरे परिवार के साथ मिलकर सूप और दउरा बनाते हैं और इसकी कमाई से साल भर गुजारा करते हैं. 


इन लोगों ने बताया कि इस काम में मेहनत अधिक है और कमाई मामूली है. इसलिए व्यापक पैमाने पर यह कार्य नहीं किया जाता है. इन लोगों का कहना है कि छठ के बाद थोड़ी बहुत लग्न के समय ही दउरा की बिक्री होती है. जिससे साल भर गुजर बसर करते हैं.
इनपुट- राज किशोर मधुकर 


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