बांका: Bihar News: बांका के अमरपुर थाना क्षेत्र के सलेमपुर गांव में शव दफनाने को लेकर शनिवार को दो समुदाय  में विवाद हो.  जिस कारण सलेमपुर गांव में पूरा दिन अफरा -तफरी का माहौल बन गया. मामले को लेकर एक पक्ष के मो. सज्जाद, मो. मनीर, मो.इलतेसार आलम, मो. सैराज आदी ने बताया कि उनके रिश्तेदार सेवानिवृत्त शिक्षक मो. सुलेमान (95) वर्ष की शुक्रवार की संध्या इंतकाल हो गया. शव को गांव में स्थित पंचायत सरकार भवन के समीप स्थित कब्रिस्तान में दफनाने गया तो दुसरे पक्ष के लोग जबरन शव को दफनाने से रोक दिया.


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ग्रामीणों ने बताया कि सन् 1989 से पूर्व सलेमपुर में अल्पसंख्यक समुदाय के करीब 250 परिवार रहते थे. पुरा परिवार तीन मोहल्ले में बंटा हुआ था. 1989 में हुई दंगा के बाद अधिकतर लोग अपनी जमीन जायदाद बेचकर सलेमपुर गांव छोड़ कर चले गए. फिलहाल सलेमपुर गांव में अल्पसंख्यक समुदाय के पांच घरों के परिवार रहते आ रहे हैं. वहीं दूसरे पक्ष के उप मुखिया सुभाष मंडल, बिदुर सिंह ,प्रदीप सिंह, रविन्द्र पासवान,सूरज कुमार, विजय कुमार सिंह, सुनील कुमार, अमित कुमार आदि ने बताया कि गांव में जब अस्पताल, पंचायत सरकार भवन तथा पेयजल योजना के तहत जलमीनार का निर्माण हो रहा था तब मो. सुलेमान ने निर्माण स्थल को कब्रिस्तान की जमीन बताकर न्यायालय में केस दर्ज कर दिया था.


स्थल जांच में डीसीएलआर से लेकर जिला के उच्च अधिकारी गण सलेमपुर गांव आकर स्थल से संबंधित कागजात की जांच किया था. जांच के दौरान अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया था कि सलेमपुर गांव में कोई भी कब्रिस्तान की जमीन नहीं है. जिसके बाद सलेमपुर गांव में पंचायत सरकार भवन, जलमीनार तथा अस्पताल का निर्माण हुआ. जिस जगह अल्पसंख्यक समुदाय के लोग शव को दफनाना चाह रहे हैं उस जगह अशोक सम्राट भवन तथा पैक्स गोदाम बनने की बात अधिकारियों से चल रही है. लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय के लोग जबरन शव को दफनाना चाह रहे हैं. वहीं सूचना मिलते ही एसडीपीओ विपिन बिहारी क्यूआरटी फोर्स के साथ सलेमपुर गांव पहुंच कर दोनो पक्षो को समझाते हुए पुलिस अभिरक्षा में शव को दफन कराया.


इनपुट- बिरेंद्र


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